तेलंगाना: रेवंत रेड्डी आज लेंगे CM पद की शपथ, कई नेता करेंगे शिरकत…

0

नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों में सम्पन हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी जगह सीएम पद के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम शुरू हो चुका है. इसी क्रम में आज कांग्रेस नेता अनुमुला रेवंत रेड्डी( RewantReddy) आज तेलंगाना( Telangana) के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. 56 वर्षीय रेवंत रेड्डी का शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 1.04 बजे होगा. जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस संसदीय दल (सीपीपी) की अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गाँधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने के संभावना है. वहीँ, बताया जा रहा है की शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में कुछ विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हो सकते है.

सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, अनुमुला रेवंत रेड्डी के साथ आधा दर्जन के करीब विधायकों को राज्य मंत्री के रूप में शपथ लेने के उम्मीद है. हालाँकि अभी तक इसको लेकर पार्टी की तरफ से कोई घोषणा नहीं की गयी है. मुख्यमंत्री के साथ कम से कम 5-6 मंत्री गुरुवार को शपथ लेंगे. शपथ लेने वाले संभावित मंत्री पद के उम्मीदवारों में भट्टी विक्रमार्क, सीताक्का, उत्तम कुमार, पोन्नम प्रभाकर,श्रीधर बाबू और थुम्मला नागेश्वर राव का नाम शामिल है.

बताया जा रहा है की शपथ ग्रहण समारोह में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डिप्टी सीएम डी के शिवकुमार के भी शामिल होने की संभावना है.

अनुमुला रेवंत रेड्डी का राजनैतिक कैरियर

2018
रेवंत कांग्रेस के टिकट पर कोडंगल से विधानसभा चुनाव लड़े और विधायक बने। उन्होंने टीआरएस के पटनाम नरेंद्र रेड्डी को हराया.उन्हें तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक के रूप में नियुक्त किया गया.

2017

रेड्डी ने तेलंगाना टीडीपी छोड़ दी और कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए.

2015
स्टिंग ऑपरेशन के बाद रेड्डी को एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था. स्टिंग में कथित तौर पर दिखाया गया कि रेवंत, टीडीपी एमएलसी चुनावों के पक्ष में वोट देने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को रिश्वत दे रहे थे. 30 जून को तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सशर्त जमानत दी. जमानत शर्त के अनुसार उन्हें एसीबी की अनुमति के बिना हैदराबाद की सीमाओं को पार करने से वर्जित कर दिया गया था.

2014

उन्हें कोडंगल संविधान सभा से आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए फिर से चुना गया. फिर से उन्होंने कांग्रेस पार्टी के गुरुनाथ रेड्डी को हराया.

2009

वे कोडंगल संविधान सभा से आंध्र प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए . उन्होंने कांग्रेस पार्टी के गुरुनाथ रेड्डी को हराया.

2008

रेवंत फिर से टीडीपी में शामिल हो गए. उन्हें विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुना गया.

2006
रेवंत ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में मिडजिल निर्वाचन क्षेत्र में जेडपीटीसी चुनाव जीता .

2004
वे तेलुगु देशम पार्टी से जुड़ गए.

1992
वे छात्रजीवन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का सदस्य बने.

​जब चंद्रबाबू नायडू ने पार्टी से किया न‍िलंब‍ित​-

जेल जाने और जमानत पर रिहा होने के बाद पूरा नजारा ही बदल गया. रेवंत जो पहले से कुछ हद तक आक्रामक नेता के रूप में जाने जाते थे. उन्‍होंने फिर अपने शब्दों और आलोचनाओं में तीखापन बढ़ा दिया. जैसे ही उन्होंने माइक पकड़ा, वह केसीआर और उनके परिवार पर कठोर शब्दों का प्रहार करने लगे. वह अपनी खुद की सोशल मीडिया आर्मी बनाकर अपनी छवि को काफी ऊपर उठाने में कामयाब रहे.

Varanasi Visit : राष्ट्रपति और PM के बनारस आगमन की तैयारियां परखने आएंगे CM

कांग्रेस को जीरो से बनाया हीरो-

2018 के विधानसभा चुनाव में फिर से एक बार कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.रेवंत रेड्डी भी कोडंगल में हार गए. परिणाम यह हुआ कि प्रदेश में अब उनकी आलोचन बढ़ गयी और एक बार फिर उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में देश के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र मल्काजीगिरी से सांसद के तौर पर जीत हासिल की और फिर से अपनी ताकत दिखाई. इसी के चलते कांग्रेस ने इन्हे प्रदेश अध्यक्ष बना दिया . राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इसका कारण यह है कि युवा नेता आक्रामक भाषणों से लोगों को प्रभावित करते हैं और एक ऐसे नेता के रूप में पहचाने जाते हैं जिनके पास अपना अस्तित्व खोने की स्थिति में मौजूद पार्टी को राहत देने के लिए आवश्यक रणनीतियां होती हैं. तब से रेवंत का ग्राफ तेजी से बढ़ा है.

 


 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More