आरक्षण का दायरा बढ़ाने वाला कानून रद्द होने पर भड़के तेजस्वी, बोले- बीजेपी आरक्षण विरोधी है

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बिहार की नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट ने गुरुवार को तगड़ा झटका दिया. सरकार के आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी किए जाने के कानून को रद्द कर दिया. कोर्ट के इस फैसले को लेकर आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला.

पहले से था संदेह, बीजेपी आरक्षण रोकने के लिए कुछ भी कर सकती है

उन्होंने कहा, हम लोग कोर्ट के इस फैसले से आहत हैं. हालांकि, हम लोगों को संदेह काफी पहले से था कि भाजपा आरक्षण को रोकने के लिए कुछ भी कर सकती है. हम लोगों ने चुनाव में भी यह कहा था कि बीजेपी आरक्षण विरोधी है. आप लोगों को पता है कि हम लोगों ने जब जाति आधारित जनगणना कराई थी, तब बीजेपी के लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसे रुकवाने का प्रयास किया था.

तेजस्वी ने आगे कहा, यही नहीं, सॉलिसिटर जनरल तक को कोर्ट में खड़ा किया गया था, लेकिन हम लोगों की अंत में जीत हुई थी. इसके बाद हम लोगों ने जाति आधारित सर्वे भी कराया था. हम लोगों ने पिछड़ों और अति पिछड़ों का आरक्षण 75 फीसद तक बढ़ाया था, ताकि वो लोग आर्थिक मोर्चे पर मजबूत हो सकें.

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आरक्षण को समाप्त करने की कोशिश हो रही है

उन्होंने कहा, हमने इस संबंध में कैबिनेट बैठक भी की थी. प्रेस कांफ्रेंस भी किया था. केंद्र को इस संबंध में पत्र लिखा था कि और कहा था कि इसे शेड्यूल 9 में डाल दिया जाए, ताकि यह सुरक्षित रहे. लेकिन अब तक 9 महीने हो चुके हैं, लेकिन भाजपा और केंद्र सरकार ने इस काम को पूरा नहीं किया. अब पता नहीं क्यों मुख्यमंत्री ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है. हम लोगों ने लगातार इसे लेकर ना जाने कितनी ही लड़ाइयां लड़ीं, संघर्ष किया. इसके बाद हमारी सरकार ने आरक्षण बढ़ाया, लेकिन आप देखिए कि बीजेपी के आते ही कैसे आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है, मगर हम लोग इस प्रयास को सफल नहीं होने देंगे.

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