three months की ट्रेनिंग के बाद किशोर उड़ाते हैं फोन, सरगना गिरफ्तार

मोबाइल चोरी के लिए झारखंड के तालझाड़ी में किशोरों और युवाओं को ट्रेनिंग देकर भेजा जाता है.

0

झारखंड में तीन माह की ट्रेनिंग देकर किशोरों को शातिर चोर बनाया जाता है. इसके बाद यह किशोर वाराणसी समेत और पूर्वांचल में मोबाइल फोन चुराते हैं. फिर इन मोबाइल फोन को झारखंड के तालझाड़ी, राजमहल आदि इलाकों में बेच देते हैं. जीआरपी कैंट ने गुरूवार को गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर 101 एंड्रायड मोबाइल फोन और 1950 रूपये बरामद किया है. बरामद मोबाइल फोन की कीमत 30 लाख रूपये बताई गई है. गिरोह में शामिल अधिकतर किशोर उम्र के हैं.

Also Read : Bihar के मुखिया समेत आठ पर लगा गैंगस्टर

जीआरपी कैंट थाने में इंस्पेक्टर हेमंत सिंह ने गिरोह के कारनामों का खुलासा किया. बताया कि चेकिंग के दौरान सर्कुलेटिंग एरिया से आरोपित को पकड़ा गया. वह गिरोह का सरगना और झारखंड का रहनेवाला है. इनके पास से अलग-अलग कम्पनियों के मोबाइल बरामद हुए हैं. गिरोह के किशोर शहर के भीड़भाड़ वाले स्थानों, सरकारी अस्पतालों, मंदिरों और रेलवे स्टेशनों पर मोबाइल चोरी करते हैं. इसके बाद तय स्थान पर इकट्ठा होते हैं और मोबाइल झारखंड पहुंचाते हैं. गिरोह में 12 किशोर हैं. यह सभी सुंदरपुर, खोजवां, कैंट, ककरमत्ता समेत अन्य क्षेत्रों में किराये के कमरे और सस्ते लॉज में अपना ठिकाना बनाते हैं.

पुलिस के लिए तालझाड़ी में दबिश देना नही है आसान

पूछताछ में आरोपित ने बताया कि मोबाइल फोन चोरी के लिए झारखंड के तालझाड़ी में किशोरों और युवाओं को ट्रेनिंग देकर भेजा जाता है. तालझाड़ी में दबिश देना पुलिस के लिए आसान नहीं है. यहां जाने के लिए तीन किमी के ताल को नाव से पार करना पड़ता है. उसने बताया कि गिरोह में 12 किशोर मोबाइल फोन चोरी करते हैं. चोरी के बाद झारखंड के तालझाड़ी, राजमहल थाना क्षेत्रों में तीन हजार रुपये में फोन बेच दिये जाते हैं. चोरी के मोबाइल झारखंड का एक मोबाइल डीलर दो हजार रुपये में खरीदता है. तालझाड़ी में जल्दी कोई पहुंच नहीं सकता. गिरोह का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि पुलिस और जीआरपी की लोकेशन उनके पास होती है. यदि गिरोह का कोई सदस्य पकड़ा जाता हैं तो उसे छुड़ाने के लिए अधिवक्ता पहुंच जाते हैं. नाबालिग होने के कारण तुरंत जमानत मिल जाती है. चोरी के आईफोन के पार्ट्स अलग-अलग करके बेचे जाते हैं. 60 से 80 हजार के मोबाइल के पार्ट्स अलग-अलग करके बेचने पर 40 से 50 हजार रुपये मिलते हैं. आईफोन चोरी करने वाले को डीलर महज दो हजार रुपये देता है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More