टीडीपी के बाद शिवसेना भी मोदी सरकार को देगी झटका !

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आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बगावती टीडीपी केंद्र सरकार से अलग होने के बाद अब नैशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (NDA) छोड़ने का फैसला कर चुकी है। टीडीपी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा की है। वहीं वाईएसआर कांग्रेस ने भी अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। इस बीच एनडीए के एक और बागी साथी शिवसेना भी केंद्र की मोदी सरकार को झटका देने की तैयारी में है।

शिवसेना की बैठक पर सबकी निगाहें

टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के फैसले पर पार्टी स्टैंड को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने सांसदों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर सकते हैं। बता दें कि शिवेसना हाल के दिनों में महाराष्ट्र में लगातार बीजेपी सरकार को घेरती रही है। एनडीए(NDA) में होने के बावजूद उसने भी लगातार बगावती तेवर अपना रखे हैं। ऐसे में शिवसेना की तरफ से अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे की तरफ से संभावित पार्टी बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।

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कैसे खतरे में पड़ जाएगी सरकार?

बीजेपी की सहयोगी शिवसेना मोदी सरकार से काफी वक्त से नाराज चल रही है। शिवसेना ने 2019 में राज्य और लोकसभा का चुनाव भी अलग लड़ने की घोषणा कर चुकी है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव पर उसके फैसले पर भी सबकी नजर होगी। शिवसेना ने अभीतक बीजेपी के समर्थन की बात नहीं की है। लोकसभा में पार्टी के 18 सांसद हैं। वहीं, दूसरी तरफ अकाली दल और बीजेपी में भी हाल के दिनों में तल्खी की खबरें सामने आई हैं। लोकसभा में पार्टी के 4 सांसद है। अगर ये दोनों सहयोगी भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आते हैं तो भी सत्तारूढ़ दल को किसी प्रकार की कोई मुश्किल नहीं होगी। अगर माना जाए कि बीजेपी की सभी सहयोगी पार्टियां उसका साथ छोड़ भी दे तब भी सत्तारूढ़ दल को कोई मुश्किल नहीं आने वाली है। हालांकि यह दूर की कौड़ी ही है।

अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार का क्या होगा?

अविश्वास प्रस्ताव आने पर मोदी सरकार पर कोई खतरा नहीं दिख रहा है, लेकिन राजनीति में कुछ भी संभव है। लोकसभा में फिलहाल बीजेपी के पास अकेले 273 सांसद हैं। लोकसभा में फुल बेंच की स्थिति में भी बहुमत के लिए 272 सांसदों का आंकड़ा होना चाहिए। ऐसी स्थिति में बीजेपी अकेले दम पर ही बहुमत साबित कर जाएगी। आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर केंद्र से पहले अपने दो मंत्रियों को हटाने वाली टीडीपी के पास लोकसभा में 16 सांसद हैं। वहीं वाईएसआर के 9 सांसद हैं।

नवभारत टाइम्स

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