आज पेश हो सकता है अविश्वास प्रस्ताव, जानें पूरा समीकरण
संसद में PM नरेंद्र मोदी की पहली परीक्षा की घड़ी बिल्कुल करीब आ गई है। आज TDP और YSR कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जाएगा। लोकसभा में क्या है संख्या बल का समीकरण और क्या है वह गणित जो BJP को टेंशन में डाल सकता है, आइए जानते हैं…
कैसे लाया जाता है अविश्वास प्रस्ताव ?
लोकसभा सचिवालय तभी यह प्रस्ताव स्वीकार करेगा जब कम से कम 50 सांसद इसका समर्थन करें। संसद की कार्यप्रणाली के तहत लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन वाईएसआर कांग्रेस के फ्लोर लीडर से प्रस्ताव लाने के लिए कहेंगी जिसे कम से कम 50 सांसदों को खड़े होकर सपॉर्ट करना होगा।
TDP-YSR कांग्रेस के पास अविश्वास प्रस्ताव का मैजिक नंबर है ?
YSR कांग्रेस के वाईवी सुब्बा रेड्डी और TDP ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया हुआ है। आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर केंद्र से पहले अपने दो मंत्रियों को हटाने वाली टीडीपी के पास लोकसभा में 16 सांसद हैं। वहीं वाईएसआर के 9 सांसद हैं। दोनों के सांसदों को मिला दें तो आंकड़ा 25 हो जाता है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दोनों पार्टियों को 25 और सांसदों की जरूरत होगी।
कौन-कौन सरकार के खिलाफ लामबंद ?
अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस दोनों पार्टियों को समर्थन दे चुकी है। कांग्रेस के 48 सांसद हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 50 सांसदों का आंकड़ा आराम में जुट रहा है। इसके साथ ही वाम दल, आप और बाकी विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आना तय है।
क्या मोदी सरकार के लिए खतरा है ?
अविश्वास प्रस्ताव आने पर मोदी सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है। लोकसभा में बीजेपी के 273 सांसद हैं। ऐसे में वह यह आसान परीक्षा आराम से पास करती दिख रही है।
लोकसभा में क्या है समीकरण
543 सदस्यीय लोकसभा में फिलहाल 536 सांसद हैं। इसमें बीजेपी के 273 सदस्य हैं, जबकि सहयोगी दलों के 56 सदस्य हैं। फिलहाल की स्ट्रेंथ के हिसाब से बहुमत के लिए 536 सदस्यों के आधे से एक अधिक यानी 269 सांसदों के आंकड़े की जरूरत है। यानी अगर अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार कर भी लिया जाता है तो निश्चित तौर पर यह गिर जाएगा।
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अगर सारे सहयोगी मोदी के खिलाफ हो जाएं तो? लोकसभा में 18 सांसदों वाली शिवसेना मोदी सरकार से काफी वक्त से नाराज चल रही है। दूसरी तरफ 4 सांसदों वाले अकाली दल और बीजेपी में भी हाल के दिनों में तल्खी की खबरें सामने आईं। अगर ये दोनों भी अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आते हैं तो? इस स्थिति में भी मोदी के लिए टेंशन की बात नहीं है, क्योंकि 269 का मैजिक नंबर मोदी के पास ही रहेगा।
ऐसे गिरेगी मोदी सरकार
मोदी सरकार को गिराने के लिए विपक्ष को बहुत बड़े चमत्कार की जरूरत है। यह तभी हो सकता है अगर बीजेपी के सांसद ही बागी हो जाएं। हालांकि इसकी संभावना दूर-दूर तक नहीं है।
आज कैसे टल सकता है अविश्वास प्रस्ताव
लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए सदन का सुचारू रूप से चलना जरूरी है। हंगामे के कारण सदन स्थगित हो सकता है। ऐसे में अविश्वास प्रस्ताव भी टल सकता है।
कब-कब आया अविश्वास प्रस्ताव
अब तक प्रधानमंत्रियों को दो दर्जन बार इसका सामना करना पड़ा है। पांच अविश्वास प्रस्ताव सफल रहे हैं और 7 असफल।
किस किस की गिरी सरकार
नब्बे के दशक में विश्वनाथ प्रताव सिंह, एच डी देवेगौड़ा, आई के गुजराल और अटल बिहारी की सरकारें विश्वास प्रस्ताव हार गई थीं। 1979 में ऐसे ही एक प्रस्ताव के पक्ष में जरूरी समर्थन न जुटा पाने के कारण तत्कालीन प्रधानमंत्री चरण सिंह ने इस्तीफा दे दे दिया था।