तालिबान राज से जूझ रहे अफगानिस्तान में दिन पर दिन हालत बिगड़ते ही जा रही है। वर्ल्ड फूड प्रोग्राम ने सोमवार को चेतावनी दिया कि, अफगानिस्तान की आधी से ज्यादा आबादी भुखमरी का नवंबर में सामना कर सकती है। एएफपी के रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के गरीब इलाकों में लोग अपनी बेटियों को बेच रहे है।
लड़कियों को बेचने का क्या है कारण ?
मीडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक एक महिला ने बताया की उनके पति ने उनके डेढ़ साल और छह साल को बेटी को बेच दिया है। युवती ने बताया कि उसे अपने बच्चियों के लिए काफी दुःख होता है परंतु सूखा पड़ने के वजह से उनके पति ने बच्चियों को शादी के लिया बेच दिया। वही उसके पति का कहना है कि बच्चियों को पैसों के लिए बेचने पर बहुत बुरा लगता है, लेकिन हमारे पास कुछ खाने को नहीं है। अगर ऐसा नहीं करते तो हम भूखे मर जाते।
लड़कियों की नीलामी के रेट:
रिपोर्ट के अनुसार फहीमा की छोटी बेटी की कीमत 2800 डॉलर लगाई गई तो वही बड़ी बेटी की 3350 डॉलर कीमत लगाई। फहीमा के बेटियों का पति भी नाबालिग है। वही एक दूसरी रिपोर्ट ले अनुसार पश्चिमी अफगानिस्तान में एक गांव की महिला ने अपनी बेटी को 500 डॉलर में बेच दी ताकि उनके बच्चों के खाने का इंतजाम हो सके। बच्ची को खरीदने वाले ने दावा किया कि वह अपने बेटे के लिए लड़की कि परवरिश करना चाहता है। हालांकि उसके किए गए दावे की कोई गारंटी नहीं है। उसने परिवार को 250 डॉलर का भुगतान कर दिया है। उसका कहना है वह लड़की को तब घर ले जायेगा जब वो चलना सीख जायेगी।
महिला ने बताया लड़की को बेचने का दर्द:
महिला ने मीडिया को बताया की उसके दूसरे बच्चे भूख से तड़प रहे थे। इसलिए हमें अपनी बेटी को बेचना पड़ा। बच्ची की मां दुख जाहिर करते हुए बोली आखिर मुझे दुख क्यों नही होगा ? वो मेरी बच्ची है। काश ऐसा नहीं करना पड़ता।
2021 में लड़कियों को बेचने के आंकड़े:
अफगानिस्तान का पश्चिमी प्रांत बदघिस की राजधानी काला-ए-नॉ सूखे की मार से बुरी तरह प्रभावित है। वहा के लोगों का कहना है 2018 में पड़े अकाल के कारण नाबालिग लड़कियों के शादी में बढ़ोतरी हुई है। इस साल बारिश न होने के कारण फिर लड़कियों को बेचने के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी हुई है।
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