अफगान की कुर्सी के लिए बने जानी दुश्मन बने तालिबान और हक्कानी, चली ताबड़तोड़ गोलियां, मुल्ला बरादर घायल
अफगानिस्तान में कब्जा जमाए तालिबान सरकार गठन में जुटा है लेकिन अभी तक तालिबान सरकार नहीं बना पाया है। अफगानिस्तान में सत्ता की कुर्सी को लेकर जद्दोजहद जारी है।
इस बीच खबर है कि अफगानिस्तान में सत्ता की कुर्सी को लेकर तालिबान और हक्कानी नेटवर्क आपस में ही भिड़े पड़े हैं। बताया जा रहा है कि तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर और हक्कानी गुट के बीच झड़प हुई है और इसमें गोली भी चली है।
अफगानिस्तान की वेबसाइट पंजशीर ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस झड़प में अब्दुल गनी बरादर घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि हक्कानी गुट ने ही गोली चलाई है।
सरकार गठन टला-
यही वजह है कि तालिबान ने सरकार गठन का ऐलान टाल दिया है क्योंकि सरकार का नेतृत्व करने वाला बरादर अपना इलाज करा रहा है। हक्कानी नेटवर्क चाहता है कि सरकार मध्ययुगीन समय जैसी हो और उसमें कुछ भी आधुनिक ना हो।
हक्कानी नेटवर्क का कहना है कि उसने काबुल को जीता है और अफगानिस्तान की राजधानी पर उसी का दबदबा है।
जहां तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अल्पसंख्यक समुदायों को सरकार में शामिल करना चाहता है, तो वहीं तालिबान का उप नेता सिराजुद्दीन और उसका आतंकवादी समूह हक्कानी नेटवर्क किसी के साथ सत्ता साझा नहीं करना चाहते।
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