भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) ने डोकलाम गतिरोध के बीच भारत सरकार से स्थिति जानने की कोशिश करने के बजाय कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की चीनी राजदूत लुओ झाओहुई से बीते महीने हुई मुलाकात की निंदा की।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा, “मैं बहुत दुखी हुई कि विपक्ष भारत सरकार के दृष्टिकोण को समझने के बजाय चीनी राजदूत से मिलने गया।”
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सुषमा स्वराज ने विदेश नीति पर चर्चा का जवाब दिया
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदेश नीति पर चर्चा का जवाब दे रही थीं। मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, “उन्होंने भारत सरकार से स्थिति (सीमा गतिरोध) समझने की कोशिश नहीं की, इसकी बजाय वे चीनी पक्ष से उनकी राय जानने के लिए मिले।”
नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर 8 जुलाई की राहुल गांधी और लुओ की बैठक की जानकारी को पोस्ट किया था, लेकिन बाद में हटा लिया था।
सुषमा स्वराज ने कहा, “मैं बहुत दुखी हुई कि विपक्ष भारत सरकार के दृष्टिकोण को समझने के बजाय चीनी राजदूत से मिलने गया।”
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राजदूत ने राहुल गांधी से 8 जुलाई को मुलाकात की
दूतावास ने अपने ‘वीचैट’ अकांउट में कहा था, “राजदूत लुओ झाओहुई ने कांग्रेस पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से 8 जुलाई को मुलाकात की। दोनों पक्षों ने मौजूदा भारत-चीन सीमा संबंधों व दूसरे मुद्दों पर विचार साझा किए। काउंसलर झोउ युयून ने भी बैठक में भाग लिया।”
बाद में राहुल ने राजदूत के साथ अपनी बैठक का बचाव किया और कहा कि उनका गंभीर मुद्दों की जानकारी लेना कार्य है। दोनों पक्षों ने मौजूदा भारत-चीन सीमा संबंधों व दूसरे मुद्दों पर विचार साझा किए। काउंसलर झोउ युयून ने भी बैठक में भाग लिया।
राहुल ने भूटान के राजदूत व पूर्व एनएसए शिवशंकर मेनन व दूसरे अधिकारियों से भी मुलाकात की थी।
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