वोटिंग डेटा सार्वजनिक करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट का झटका, चुनाव बाद होगा फैसला
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनाव आयोग के डेटा को सार्वजनिक करने को लेकर बड़ा आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि इस पर चुनाव के बाद फैसला लिया जाएगा. असल कोर्ट से यह मांग की जा रही थी कि हर चरण में जो वोटिंग हो रही है उसका सारा डाटा सार्वजनिक किया जाए और चुनाव आयोग अपनी वेबसाइट में अपलोड करे. इतना ही नहीं फॉर्म 17 C के डेटा को भी जारी करने की बात हुई थी. हालाँकि कोर्ट ने इन सभी पर तत्काल फैसला देने से मना कर दिया है. चुनाव आयोग की दलील है कि इस समय चुनाव चल रहे हैं. ऐसे में डेटा सार्वजनिक करने से मतदताओं में भ्रम पैदा होगा.
SC ने दिया आदेश…
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस पर बाद में भी फैसला किया जा सकता है. अभी देश में छठें चरण में मतदान होने जा रहा है ऐसे में कोई बदलाव संभव नहीं है. इतना ही नहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए और कहा कि जब चुनाव शुरू हो गए तब ऐसी याचिकाएं क्यों दायर की गई.
चुनाव आयोग की क्या दलील?…
बता दें कि सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग ने भी सुनवाई के दौरान तल्ख़ रवैया अपनाते हुए कहा कि ऐसे याचिकाकर्ताओं पर भारी जुर्माना लगाना चाहिए क्यूंकि इनकी वजह से लोगों के मन में गलत शंकाएं घर कर जा रही हैं. इतना ही नहीं चुनाव के दौरान ऐसी याचिका दायर करना चुनाव आयोग पर अंगुली उठाना है. अभी इस पर कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया है जबकि चुनाव के बाद इसमें तीखी बहस देखी जा सकती है.
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जानें क्या है विवाद…
जानकारी के लिए बता दें कि पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद वोटिंग प्रतिशत में काफी इजाफा देखने को मिला. आयोग के मुताबिक पहले और दूसरे आंकड़ों में काफी अंतर था. इसी को लेकर विवाद शुरू हुआ और विपक्ष ने आयोग पर निशाना साधा.
फॉर्म 17 C का डेटा सार्वजनिक करने की मांग…
चुनाव आयोग के आंकड़ों के बाद मांग उठी कि Form 17C का जो डेटा होता है उसे सार्वजनिक किया जाए और आयोग उसे अपनी वेबसाइट में डाले. इतना ही नहीं ADR ने भी इस पर मांग उठाई थी लेकिन अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है.