सुप्रीम कोर्ट का फैसला, दोबारा नहीं होगी नीट परीक्षा
NEET: नीट यूजी मामले में आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया.
सीजेआई ने कहा कि जिन लोगों ने गड़बड़ी का फायदा उठाया है, उनकी बेदाग कैंडिडेट से अलग कर पहचान कर पाना संभव है. आगे चलकर गड़बड़ी पाई जाती है तो भी उसका एडमिशन रद्द किया जा सकता है.
दोबारा परीक्षा गंभीर परिणामों से भरा होगा…
CJI ने कहा कि यूजी परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका खामियाजा इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से अधिक छात्रों को भुगतना पड़ेगा और प्रवेश कार्यक्रम में व्यवधान पैदा होगा, चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम पर व्यापक प्रभाव और भविष्य में योग्य चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता पर असर पड़ेगा और वंचित समूह के लिए गंभीर रूप से नुकसानदेह होगा, जिसके लिए सीटों के आवंटन में आरक्षण किया गया था.
विकल्प 4 प्रश्न का एकमात्र सही उत्तर माना जाय
नीट यूजी परीक्षा के 19वें प्रश्न के विवाद पर निर्णय देते हुए कोर्ट ने कहा कि हम आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं. उसके उत्तर के हिसाब से NEET UG परिणाम फिर रिजल्ट जारी किया जाए. विकल्प 4 प्रश्न का एकमात्र सही उत्तर माना जाए.
अगर बाद में पकड़े गए तो…
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि, ‘अगर सीबीआई जांच में बाद में ये खुलासा होता है कि ज्यादा संख्या में स्टूडेंट्स को फायदा मिला है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इससे मेडिकल एजुकेशन और भविष्य में मेडिकल प्रोफेशनल्स की उपलब्धता पर असर पड़ेगा. जो छात्र हाशिए पर हैं, उनका नुकसान गंभीर मुद्दा है.
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IIT-दिल्ली के रिपोर्ट को सुनवाई के दौरान किया पेश
इससे पहले भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने और मंगलवार दोपहर तक सही जवाब की रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. वहीं, सुनवाई शुरू होने पर सीजेआई ने रिपोर्ट में लिखी बातों का हवाला दिया और कहाकि हमें आईआईटी दिल्ली की रिपोर्ट मिली है. आईआईटी निदेशक रंगन बनर्जी ने भौतिकी विभाग की एक समिति गठित की और वे बताते हैं कि तीन विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रश्न की जांच की. टीम का कहना है कि चौथा विकल्प सही जवाब है.