निजी जानकारी में सरकार का हक नहीं : सर्वोच्च न्यायालय

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प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस.खेहर की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की नौ सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार है।

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निजता का अधिकार मौलिक अधिकार

सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और यह जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न हिस्सा है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने एक मत से यह फैसला दिया।शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर आधार योजना को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

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कांग्रेस ने  सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की

कांग्रेस ने गुरुवार को निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से नरेंद्र मोदी सरकार के निजता के अधिकार को कम करने के प्रयासों पर पानी फिर गया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, “निर्णायक एवं प्रभावशाली फैसला। स्वतंत्रता की बड़ी जीत। सर्वोच्च न्यायालय ने निजता के अधिकार को कम करने के मोदी सरकार के प्रयासों को खारिज कर दिया।”सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने एक मत से यह फैसला दिया।शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर आधार योजना को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

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