दूरदर्शन को सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा झटका, सिंधी चैनल की याचिका की खारिज…

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सुप्रीम कोर्ट ने बीते सोमवार को दूरदर्शन को बड़ा झटका दिया है, जिसमें 24 घंटे सिंधी भाषा में दूरदर्शन चैनल शुरू करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया है. दरअसल, एनजीओ सिंधी संगत द्वारा दायर की गयी याचिका में सिंधी भाषा के संरक्षण के लिए समर्पित चैनल शुरू करने की मांग की गयी थी, जिस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट अपने फैसले में केंद्र सरकार को भी ऐसा निर्देश देने से इनकार कर दिया है.

साथ ही इसको लेकर कोर्ट ने कहा है कि, ”भाषा को संरक्षित करने के अन्य भी कई उपाय हो सकते हैं और इस तरह की मांग को लेकर सरकार पर कोई आदेश नहीं थोपा जा सकता. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल थे, ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को अस्वीकार कर दिया. इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया था”

”नीतिगत मामला है, कोर्ट का हस्तक्षेप संभव नहीं”

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, यह मामला नीतिगत है और न्यायालय को इसमें हस्तक्षेप करना उचित नहीं है. मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने दूरदर्शन की ओर से दिए गए बयान का भी उल्लेख किया, जिसमें कहा गया था कि, सिंधी भाषा के कार्यक्रम पहले से ही तीन चैनलों ‘डीडी गिरनार’, ‘डीडी सह्याद्री’ और ‘डीडी राजस्थान’ पर प्रसारित किए जा रहे हैं. ये चैनल्स विशेष रूप से सिंधी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.

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दूरदर्शन ने दी ये प्रतिक्रिया

कोर्ट के इस फैसले के बाद दूरदर्शन द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि, ”लगभग 26 लाख सिंधी बोलने वालों के लिए एक अलग चैनल की वार्षिक लागत 20 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जो एक आर्थिक चुनौती हो सकती है. अदालत ने सरकार के इस दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए कहा कि यह नीतिगत निर्णय है और इसमें हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है. इस फैसले के बाद, यह स्पष्ट है कि सिंधी भाषा के संरक्षण के लिए केवल एक चैनल की मांग को लेकर अदालत का सहारा लेना उचित नहीं माना जाएगा, बल्कि इसके लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा सकता है.”

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