25 वर्षों बाद ओमान के सुल्तान का पहला भारत दौरा, क्यों कहा जा रहा ऐतिहासिक?

0

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आमंत्रण पर ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अपने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आए हैं. भारत दौरे पर आए ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक का भारत के विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने उनका स्वागत किया.

आपको बता दें कि ओमान के राष्ट्राध्यक्ष के साथ वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत दौरे पर पहुंचा है.सुल्तान ने विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर से मुलाकात के दौरान दोनों देशों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने में सुल्तान के मार्गदर्शन को महत्व देता है.राजकीय यात्रा की शुरुआत में ओमान के महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक से मुलाकात सम्मान की बात है.

दोनों देशों के संबंध और भी होंगे प्रगाढ़

बता दें कि इसी साल विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ओमान दौरे पर गए थे. 18-19 अक्तूबर के उनके दौरे के बाद सुल्तान भारत दौरे पर पहुंचे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, उनके इस दौरे से भारत और ओमान के संबंधों को और मजबूती मिलेगी. दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग और दोस्ती को प्रगाढ़ करने में भी यह दौरा बेहद कारगर साबित होगा. जी20 देशों की मंत्रिस्तरीय बैठकों में ओमान के नौ मंत्रियों ने भाग लिया था.

काफी पुराने हैं भारत और ओमान के रिश्ते

भारत और ओमान के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित दीर्घकालिक मित्रता है. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित हुए थे और 2008 में इस रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाया गया था, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने खाड़ी देश का दौरा किया था.

यात्रा के महत्वपूर्ण होने के कई कारण –

पहला, क्योंकि यह भारत और ओमान की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों में निहित दीर्घकालिक मित्रता को आगे बढ़ाता है, लिहाजा इस यात्रा से दोनों देश और करीब आएंगे.

भारत और ओमान के बीच लोगों के बीच संपर्क का पता 5,000 साल पुराना लगाया जा सकता है.

पिछले कुछ वर्षों में, भारत के प्रधानमंत्रियों ने नियमित रूप से ओमान का दौरा किया है। राजीव गांधी (1985), पीवी नरसिम्हा राव (1993), अटल बिहारी वाजपेयी (1998), डॉ मनमोहन सिंह (2008) ओमान का दौरा कर चुके हैं.

2018 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ओमान यात्रा ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा था.

लेकिन, इस बार की सुल्तान हैथम बिन तारिक की दिल्ली यात्रा विशेष महत्व रखती है, क्योंकि यह 1997 में दिवंगत महामहिम सुल्तान कबूस की यात्रा के बाद 25 वर्षों में ओमान के सुल्तान की पहली भारत यात्रा है.

20 दिसंबर से निकलेगी कांग्रेस की ‘यूपी जोड़ो यात्रा’

रक्षा क्षेत्र में अहम समझौता-

ओमान, खाड़ी क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी रक्षा भागीदार है, और रक्षा सहयोग भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है. भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने जून में ओमान की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की तरफ से सुल्तान को डिफेंस सेक्टर में संबंधों को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने का संदेश दिया था.

हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ते चीनी खतरे की पृष्ठभूमि में ओमान द्वारा भारत को ड्यूकम बंदरगाह तक पहुंच प्रदान करना अमूल्य साबित हुआ है.

ओमान, पश्चिम एशिया का एकमात्र देश है, जिसके साथ भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेनाएं नियमित द्विपक्षीय अभ्यास और सेवा-स्तरीय कर्मचारी वार्ता करती रहती हैं

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More