यहां शादी से पहले मनाई जाती है सुहागरात

0

हमारे देश में शादी से पहले सुहागरात मानाने का रिवाज नहीं है, ये बात तो हर कोई जानता है, लेकिन ये बात कोई नहीं जानता है कि हमारे देश में ही एक ऐसा जगह है जहां शादी से पहले सुहागरात मनाने का रिवाज है।

दरअसल, वो जगह है छत्तीसगढ़ का बस्तर, इसके पास के इलाकों में एक जनजाति पाई जाति है जहां पर इसे आम बात माना जाता है। इस राज्य की जनजाति ऐसी है, जहां शादी से पहले सुहागरात मनाई जाती है। यह जनजाति इस रिवाज को पवित्र और शिक्षाप्रद प्रथा मानती है।

bastar

इस जनजाति के लोगों का दावा है कि सिर्फ इसी प्रथा के कारण मुरिया जाति में आज तक बलात्कार का एक भी केस सामने नहीं आया। गोंड जनजाति का छत्तीसगढ़ से झारखंड तक के जंगलों में उपजाति या समुदाय मुरिया कहलाता है। मुरिया के लोगों की एक परंपरा है कि जिसे घोटुल नाम दिया गया है। यह परंपरा दरअसल इस जनजाति के किशोरों को शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरु किया गया एक अनूठा अभियान है। इनमें दिन में बच्चे शिक्षा से लेकर घरगृहस्थी तक के पाठ पढ़ते हैं। शाम के समय मनोरंजन और रात के समय आनंद लिया जाता है। घोंटुल में आने वाले लड़के को चेलिक और लड़की को मोटियार कहा जाता है।

bastar 1

इस प्रथा में प्रेमी-प्रेमिका जो बाद में जीवनभर के लिए जीवनसाथी भी बनते हैं। बता दें कि जैसे ही लड़का घोंटुल में आता है और उसे लगता है कि वह शारीरिक रुप से मेच्योर हो गया है, फिर उसे बांस की एक कंघी बनानी होती है। यह कंघी बनाने में पूरी ताकत और कला झोंकता देता है, क्योंकि यह कंघी तय करती है कि वह किस लड़की को पसंद आएगा।

घोंटुल में आई लड़की को जब लड़का पसंद आता है तो वह उसकी कंघी चुरा लेती है। यह संकेत होता है कि वह उस लड़के को चाहती है। जैसे ही वह लड़की यह कंघी को अपने बालों में लगाकर बाहर निकलती है सब समझ जाते हैं कि वह किसी को चाहती है। यहां पर हर लड़का-लड़की को अपने पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार होता है।

इस परंपरा को खास इसलिए भी माना जाता है, क्योंकि इस परंपरा से गोंडा समुदाय में एक भी बलात्कार का मामला सामने नहीं आया है।

अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More