Success Story: ड्यूटी करते हुए पढ़ाई कर सिपाही बना अफसर
ऐसा कहा जाता है कि अगर दिल में जज्बा और जुनून हो और उसे हासिल करने के लिए आप मेहनत कर रहे हैं तो एक दिन सपना जरूर पूरा होता है। इसे सच साबित कर दिखाया है, पुलिस विभाग के एक सिपाही ने…।
हम बात कर रहे हैं सिपाही के पद पर रह चुके केकडम लिंगो की, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से वो कर दिखाया, जिसे देखकर अब उनके सीनियर ऑफिसर ने भी सैल्यूट कर रहे हैं। लिंगो ने कांस्टेबल रहते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी और आज डीएसपी बन गये है।
साल 2015 में लिंगो को दिल्ली पुलिस में मिली नौकरी
बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम सियांग जिले में रहने वाले 24 साल की उम्र में केकडेम लिंगो जब दिल्ली पुलिस में भर्ती होने के लिए घर से बाहर निकले तो उनके पिता खुश नहीं थे और उन्हें घर से जाने नहीं देना चाहते थे। लेकिन साल 2015 में लिंगो को दिल्ली पुलिस में नौकरी मिली। हालांकि, लिंगो को ये मंजूर नहीं था। उनका सपना एक अधिकारी के रूप में पुलिस टीमों का नेतृत्व करना था। पुलिस जैसी व्यस्त नौकरी होने के बावजूद वो लगातार पढ़ाई करते रहे। तीन साल बाद लिंगों ने अब अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर लिया है और अपने ही प्रदेश में पुलिस उपाधीक्षक बनने जा रहे हैं।
गांव में एक चर्च की देखभाल करते है पिता
लिंगो ने बताया कि दिल्ली पुलिस की परीक्षा में बैठने से पहले उन्होंने ईटानगर में राजीव गांधी विश्वविद्यालय से भूगोल में स्नातकोत्तर किया था। उनका परिवार काफी साधारण है और उनके पिता गांव में ही एक चर्च की देखभाल करते हैं और यही उनकी जीविकोपार्जन का साधन भी है। पुलिस बल में शामिल होना मेरा सपना था और जैसे ही मुझे मौका मिला, मैंने उसे संभाल लिया।
दिल्ली में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज से किया कमांडो कोर्स
उन्होंने कहा, “पुलिस बल में शामिल होना हमेशा मेरा सपना रहा है और जब मुझे मौका मिला, तो मैंने इसे संभाला।” लिंगो ने बताया कि उनके लिए नौकरी रैंक से अधिक महत्वपूर्ण थी। वह अपने माता-पिता की देखभाल करने के लिए अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा घर भेजता था और अपने छोटे भाई-बहनों, दो भाइयों और एक बहन की पढ़ाई के लिए धन देता था। वेतन का दूसरा हिस्सा वह किताबें खरीदने में करते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में मैंने फिजूल खर्च पूरी तरह से रोककर उन रुपयों को परीक्षा की तैयारी में लगाया। उन्होंने कहा, दिल्ली में पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में उन्होंने एक कमांडो कोर्स भी सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने बताया कि मेरी पहली पोस्टिंग एक बटालियन के साथ थी, जिसमें मुख्य रूप से सुरक्षा ड्यूटी थी।
सहयोगियों ने किया समर्थन
लिंगो ने बताया कि दिल्ली पुलिस के साथ कार्यकाल एक सीखने का अनुभव रहा है। अपनी सेवा के आखिरी एक वर्ष में, लिंगो को गीता कॉलोनी पुलिस स्टेशन के साथ तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि “मैं 25 अन्य पुलिसकर्मियों के साथ बैरक में रहा। आप कितना भी प्रयास करें, ध्यान केंद्रित करना मुश्किल है, लेकिन मेरे सहयोगियों ने मेरा बहुत समर्थन किया।’ इस महीने की शुरुआत में महामारी के कारण देरी के बाद परिणाम घोषित किए गए थे। “जब मैंने अपना स्कोर सुना तो मुझे विश्वास नहीं हुआ कि मेरा सपना सच हो गया है।
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