‘आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना’ से खिलेंगे इनके चेहरे
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) के तहत एक नई उप-योजना की शुरुआत करेगा, जिसका नाम ‘आजीविका ग्रामीण एक्सप्रेस योजना’ (एजीवाई) होगा।
लोकसभा में एक प्रश्न के जवाब में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राम कृपाल यादव ने कहा, “इस योजना का मुख्य उद्देश्य डीएवाई-एनआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों को आजीविका के वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध कराना है। इसके तहत उन्हें पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन सेवाएं परिचालित करने की सुविधा प्रदान की जाएगी।
इससे ई-रिक्शा, तीन और चार पहिया मोटर परिवहन वाहनों जैसी सुरक्षित और सस्ती सामुदायिक निगरानी वाली ग्रामीण परिवहन सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिनसे क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास के लिए दूरदराज के गांवों को बाजार, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मुख्य सेवाओं और सुविधाओं से जोड़ा जा सकेगा।”
मंत्री ने कहा, “यह उप-योजना 2017-18 से 2019-20 तक तीन वर्षो की अवधि के लिए एक पायलट आधार पर देश के 250 ब्लॉकों में लागू की जाएगी। राज्यों को पायलट चरणों में इस उप-योजना को लागू करने के लिए उन्हें आवंटित ब्लॉकों की संख्या के बारे में सूचित किया गया है।
इस उप-योजना के तहत दिए जाने वाले प्रस्तावित विकल्पों में से एक सामुदायिक आधार संगठन (सीबीओ) है जो अपनी निधि से वाहन खरीदने के लिए स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करेगा।”
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सरकार देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों (दिल्ली और चंडीगढ़ को छोड़कर) में डीएवाई-एनआरएलएम लागू कर रही है। डीएवाई-एनआरएलएम के तहत अब तक 34.4 लाख महिला स्वयं सहायता समूह इस कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहित किए गए हैं।
कार्यक्रम में ग्रामीण क्षेत्रों में महिला किसानों के लिए कृषि और गैर-कृषि आधारित आजीविका को बढ़ावा देने के लिए समर्पित घटक सहित महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 34 लाख महिला किसान लाभान्वित हुई हैं।
इसके अलावा ग्रामस्तरों पर स्टार्ट-अप उद्यमों ने इन क्षेत्रों में उद्यमी गतिविधियां को बढ़ावा देने में मदद की है। देश के 17 राज्यों के 5,209 गांवों में 79,814 उद्यम स्थापित करने की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
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