चिकित्सा महाविद्यालयों में 50-80 लाख में मिल रहा दाखिला!

0

चिकित्सा महाविद्यालयों में दाखिले के लिए आयोजित नीट में अच्छे नंबर आने के बावजूद छात्रों को निजी महाविद्यालयों में दाखिला नहीं मिल पा रहा है। कई महाविद्यालयों में बाहरी प्रदेश के छात्रों को कम अंक आने पर भी 50 से 80 लाख रुपये लेकर प्रवेश दिया जा रहा है।

also read : …जिंदगी के अंधेरों ने बनाया ‘रेखा को चमकता सितारा’

इस मामले को लेकर एक छात्र ने जबलपुर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिस पर युगलपीठ ने सोमवार को नोटिस जारी किया है।

also read : अखिलेश अपनी सरकार की कार्य प्रणाली पर करें चिंतन : महेंद्रनाथ

उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई है

उज्जैन निवासी छात्र आदिश जैन ने बताया है कि उनके नीट प्रवेश परीक्षा में 429 अंक आए थे। वह चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश पाने के लिए आयोजित सभी काउंसलिंग में शामिल हुए थे। अंतिम मॉक-अप राउंड की लिस्ट 10 सितम्बर की शाम साढ़े सात बजे जारी हुई, जिसमें उसका नाम था। इसके बावजूद वह प्रवेश से वंचित है। इसे लेकर उसकी ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर की गई है।

also read : अमेठी सहित 3 जिलों का दौरा करेंगे अमित शाह

रात्रि 12 बजे तक कॉलेज पहुंचकर दाखिला लेना अनिवार्य था

जैन के मुताबिक, उसकी याचिका में कहा गया है कि सूची में नाम होने पर उसे रात्रि 12 बजे तक कॉलेज पहुंचकर दाखिला लेना अनिवार्य था। उस दिन भोपाल में होने पर और सूची में नाम आने के बाद वह दाखिले के लिए चिरायु मेडिकल कॉलेज पहुंचा, जहां उसे रात्रि 11 बजे तक बैठाकर रखा गया, परंतु दाखिला नहीं दिया गया। इसके बाद वह दाखिले के लिए पीपुल्स चिकित्सा महाविद्यालय पहुंचा। लिस्ट में नाम होने के बावजूद उसे वहां भी दाखिला नहीं मिला।

also read : ‘विटामिन डी’ के इस्तेमाल से करें ‘अस्थमा’ पर काबू

न्यायाधीश नंदिता दुबे ने अनावेदकों को नोटिस जारी जवाब मांगा

जैन का आरोप है कि निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में कम नंबर होने के बाद भी दूसरे प्रदेश के छात्रों को 50 से 80 लाख रुपये लेकर दाखिला दिया गया।याचिका में लगाए गए आरोपों को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर की युगलपीठ के न्यायाधीश आर. एस. झा तथा न्यायाधीश नंदिता दुबे ने अनावेदकों को नोटिस जारी जवाब मांगा है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More