जानें हिंदू धर्म के अखाड़ों की कहानी, कैसे बनता है आम आदमी संत और महंत?
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का निधन के बाद अखाड़ा परिषद काफी चर्चा में है। नरेंद्र गिरि निरंजनी अखाड़े के महंत थे।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि का निधन के बाद अखाड़ा परिषद काफी चर्चा में है। नरेंद्र गिरि निरंजनी अखाड़े के महंत थे। इस बीच करोड़ों की संपत्ति, संपत्ति की हेरा-फेरी और रसूख से जुड़ी बातें भी हो रही हैं। इन सब के बीच अखाड़ा शब्द काफी सुर्ख़ियों में है। लोग यह जानना चाह रहे हैं कि हिंदू धर्म में अखाड़े क्या हैं? अखाड़ा परिषद क्या है? और किसी संत को कैसे मिलती है महंत की गद्दी?
क्या होते हैं अखाड़े?
आम तौर पर ‘अखाड़ा’ शब्द सुनते ही पहलवानी और कुश्ती का ध्यान आता है लेकिन साधु-संतों के कई अखाड़े हैं। अखाड़ा साधुओं का वो दल होता है, जो शस्त्र विद्या में भी निपुण होता है। कहा जाता है कि अलख शब्द से अखाड़ा शब्द निकला है तो कुछ मानते हैं कि अक्खड़ से या आश्रम से। अखाड़ा शब्द का चलन मुगलकाल से शुरू हुआ। इससे पहले अखाड़े शब्द के जगह साधुओं का बेड़ा इस्तेमाल किया जाता था। बेड़ा या जत्था साधुओं के समूह को कहा जाता है। बता दें हिंदू धर्म में कई पंथ हैं। अलग-अलग पंथों के अलग-अलग साधू होते हैं।
कितने अखाड़े हैं?
देश में प्रमुख रूप से शैव, वैष्णव और उदासीन सम्प्रदाय के कुल 13 अखाड़ों का जिक्र किया जाता है।
शैव सम्प्रदाय के 7 अखाड़े
1. श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी, दारागंज, प्रयागराज, यूपी
2. श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी, दारागंज, प्रयागराज, यूपी
3. श्री पंच अटल अखाड़ा, वाराणसी, यूपी
4. श्री पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा- दशाश्वमेघ घाट, वाराणसी, यूपी
5. श्री पंचदशनाम पंच अग्नि अखाड़ा- जूनागढ़, गुजरात
6. श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, बाबा हनुमान घाट, वाराणसी, यूपी
7. श्री तपोनिधि आनंद अखाड़ा पंचायती, त्रंब्यकेश्वर, नासिक, महाराष्ट्र
वैष्णव सम्प्रदाय के 3 अखाड़े
1. श्री निर्वानी आनी अखाड़ा- हनुमान गादी, अयोध्या, यूपी।
2. श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा- धीर समीर मंदिर बंशीवट, वृंदावन, मथुरा, यूपी
3. दिगम्बर अनी अखाड़ा- शामलाजी खाकचौक मंदिर, गुजरात।
उदासीन सम्प्रदाय के 3 अखाड़े
1. पंचायती अखाड़ा नया उदासीन- कनखल, हरिद्वार, उत्तराखंड।
2. निर्मल पंचायती अखाड़ा- कनखल, हरिद्वार, उत्तराखंड।
3. पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा- कृष्णनगर, कीटगंज, प्रयागराज, यूपी।
अखाड़ा परिषद:
इन सभी 13 अखाड़ों के ऊपर एक संस्थान है, जिस अखाड़ा परिषद कहा जाता है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में निर्मोही अखाड़ा भी शामिल है जिसकी राम मंदिर निर्माण में अहम भूमिका रही है। नरेंद्र गिरि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष थे। अखाड़ा परिषद की सभा में सर्वसम्मति से अध्यक्ष को चुना जाता है।
किसी संत को कैसे मिलती है महंत की गद्दी?
दरअसल, इसके लिए सबसे पहले किसी अखाड़े में सेवदार के पद पर काम करना होता है। इस दौरान अखाड़े के लोग एक किस्म रेकी के माध्यम से यह जानने की कोशिश करते हैं कि, संत बनने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति का बैकग्राउंड क्या है, उसका उद्देश्य क्या है। उसके बाद अखाड़े से मंजूरी लेकर गुरु का चयन करना होता है। जिनसे दीक्षा मिलती है। कुंभ के दौरान एक बड़ी प्रक्रिया होती हैं। इसके बाद व्यक्ति संन्यासी या महंत बन जाता है।
यह भी पढ़ें: उपलब्धि के शीर्ष से गुमनामी के अंधेरे तक, जानिए कौन थे भारत के सबसे योग्य व्यक्ति श्रीकांत जिचकर…
यह भी पढ़ें: अनोखा है कानपुर का जगन्नाथ मंदिर, गर्भगृह में लगा चमत्कारी पत्थर करता है ‘भविष्यवाणी’