इस शख्स ने गांव की 700 महिलाओं को बना दिया सोलर इंजीनियर
दुनिया में सभी लोग अपनी जिंदगी में पढ़-लिख कर खुद की जिंदगी को सफल बनाने में व्यस्त है। पढ़ लिख कर डिग्री लेने के बाद एक अच्छी सी नौकरी ढूंढ कर अपनी दुनिया में खो जाते हैं। लेकिन कुछ लोग इन सब से अलग कुछ करने की ठान लेते है, औऱ ऐसे लोगों को खुद की जिंदगी से ज्यादा दूसरों की जिंदगी संवारने में मजा आता है। गरीबों की मदद करना असहायों की सहायता करना ही उनकी जिंदगी का सपना होता है। फिलहाल ऐसे बहुत ही कम लोग मिलते हैं लेकिन मिलते जरुर हैं।
कुछ ऐसी ही छवि के हैं संजीत बंकर राय, जो अपनी ऐशो-आराम की जिंदगी होने के बाद भी लोगों की सेवा करने के लिए आगे आए और लोगों की मदद कर रहे हैं। संजीत उन लोगों की मदद कर रहे हैं जिनकी पहुंच से शिक्षा जैसी अमूल्य चीज कोसों दूर है।
बता दें कि संजीत के सामाजिक कार्यकर्ता हैं जिनका जन्म 2 अगस्त 1945 में पश्चिम बंगाल के संपन्न परिवार में हुआ था। पैसे की कोई कमी न होने से उन्होंने महंगे से महंगे संस्थान से शिक्षा प्राप्त की। संजीत ने मास्टर डिग्री अंग्रेजी से पूरी की। उस दौर में वो चाहते तो अच्छी से अच्छी नौकरी उन्हें मिल सकती थी, लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं की।
दरअसल, 1960 के आसपास बिहार में पड़े अकाल ने उन्हें हिला कर रख दिया। संजीत अपने जैसे लोगों के उत्थान के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर दी। पिछले आधे दशक से संजीत ग्रामीणों के विकास के लिए लगातार काम कर रहे हैं। संजीत ने गांव के लोगों को इस काबिल बना दिया है कि वो न सिर्फ अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं बल्कि पूरी दुनिया में उन्हें एक आदर्श के रुप में स्थापित किया है।
Also read : ठेले पर कोयला बेचने से लेकर BMW में सफर करने की कहानी
संजीत ने 1972 में एक रिसर्च सेंटर खोला जिसे आज बेयरपुट कॉलेज के नाम से जाना जाता है। संजीत इस कॉलेज के जरिए लोगों को शिक्षित करने के साथ ही उन्हें तकनीकी व्यवसाय में भी लगाते हैं। शुरुआत में संजीत का मिशन ऐसे क्षेत्रों में पेयजल का संरक्षण करना था जहां हालात बहुत ही खराब थे। उनकी ये मेहनत रंग लाई और लोगों में पेयजल के संरक्षण को लेकर जागरुकता बढ़ी है।
बता दें कि संजीत के इस कॉलेज ने 700 ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग देकर सोलर इंजीनियर बनाया है। साथ ही 20 हजार घरों में बिजली की सुविधा उपलभ्ध करायी है। पिछले 40 सालों से भी अधिक समय से बेयरफुट कालेज अपनी पहचान बनाए रखने में सफल कारगर हुआ है।