इस इंसान के काम को जानकर आप भी करेंगे सलाम, 15 सालों से घर-घर जाकर करता है ये…

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इंसान एक सामाजिक प्राणी है और इसी के नाते इंसान यही कोशिश करता है कि जिस समाज में वो रहता है उस समाज में उसकी भी पहचान बनें। लेकिन कुछ लोगों को समाज से जुड़ी बातों के लिए समय नहीं होता है क्योंकि उन्हें सिर्फ अपने सुख-दुख से मतलब होता है। लेकिन समाज में ऐसे भी बहुत लोग होते हैं जो अपनी पूरी जिंदगी दूसरों के हित में लगा देते हैं।

इंसान के पास दुनिया की चाहे जितनी दौलत आ जाए लेकिन जबतक उसे अपनापन और लोगों का प्यार नहीं मिलता उसकी वो  दौलत मिट्टी के तुल्य होती है। क्योंकि कहते हैं पैसे से आदमी खरीदे जा सकते है रिश्ते नहीं। इस भरी दुनिया में ऐसे कई लोग हैं, जिनके पास खुश होने की वजहें तो हैं, लेकिन कोई साथी नहीं जो हर्षोल्लास के समय में साथ झूम सके।

रिश्ते-नाते होते हुए भी अजनबी होते हैं। ऐसे में लोगों की जिंदगी से यही अधूरापन मिटाने का नेक काम करते हैं मध्य प्रदेश के मोहन सिंह कुशवाहा।  मोहन सिंह हर सुबह अपनी साइकिल लेकर घर से निकल पड़ते हैं। साइकिल के कैरियर पर होता है किसी अनजान शख्स के लिए कोई खास तोहफा। वे उसके घर पहुंच कर, जन्मदिन/शादी की सालगिरह की बधाई देते हैं और ऐसा वे पिछले 15 सालों से कर रहे हैं।

मोहन को जानने वाले बताते हैं, कि वो करीब 1600 लोगों को यूं ही खुशी और अपनेपन से हैरान करते आए हैं। मोहन जिन लोगों से पहली बार मिलते हैं, उन्हीं से उनके परिचितों के नाम-पते, जन्म व विवाह की तारीख ले लेते हैं। इस तरह उन्होंने 1600 से ज्यादा लोगों के नाम-पते जुटाए हैं।

उनकी लिस्ट में गोवा, पंजाब, राजस्थान के भी कई लोग हैं, जिन्हें वे फोन पर बधाई देते हैं। मोहन सरकारी टीचर थे, रिटायरमेंट के बाद भी कुछ करना चाहते थे, लेकिन पैसों के लिए नहीं, खुशी बांटने के लिए। इसलिए चार दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने अनजान लोगों को सबसे पहले बर्थडे-एनिवर्सरी विश करने का तरीका चुना। हालांकि बाद में एक-एक करके उनके सभी दोस्त पीछे हट गये।

सफर में आते हैं कई भावुक कर देने वाले मौके

मोहन बताते हैं, ‘कभी-कभी ऐसा भी होता है कि मैं किसी जोड़े को शादी की सालगिरह की बधाई देने जाता हूं और वहां पता चलता है कि उन दोनों में से कोई एक हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़कर जा चुका है। ये पल हमारे लिए बहुत भावुक कर देने वाला होता है। किसी अपने का हमेशा के लिए चले जाना अपने पीछे बड़ा सा खालीपन छोड़ जाता है।’

15 जून को होने वाला है मिलन समारोह

मोहन सिंह इस साल की 15 जून को एक मिलन समारोह करने वाले हैं। इसमें वे उन सभी 1600 लोगों को बुलायेंगे, जिनकी जिंदगी में उन्होंने खुशी की मिश्री घोली है। ये समारोह अद्भुत पलों को समेटे हुए होगा। मोहन के परिवार में दो बेटे और एक बेटी हैं। पत्नी का नाम भगवती है। शुरू में परिवार मोहन को यूं अकेले जाने से रोकता था, पर उनकी नेकदिली में अब तो परिवार का भी पूरा साथ है।

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