स्लमबॉय बन गया एड जगत का चमकता सितारा

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स्लम एरिया एक ऐसा नाम जिसको सुनते ही दिमाग में सिर्फ एक ही तस्वीर उभर कर आती है वो है गंदगी से भरी गलियां कीचड़ में खेलते बच्चे औऱ चारो तरफ कूड़े का अंबार। इसके सिवाय इन स्लम एरिया से आप क्या उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि कभी-कभी इन कीचड़ों से भी एक ऐसा कमल खिलता है जो अपने आप को विश्व के पटल पर रखकर सबको चौंका देता है। कहते हैं कि मेहनत से किया गया काम एक दिन अपना रंग जरुर दिखाता है। कुछ ऐसी ही कहानी है एक स्लम ब्वॉय(Gurubakhsh) की जिसने गंदी बस्ती से निकल कर पूरी दुनिया में अपनी कामयाबी का परचम लहराया है।

पंजाब में पैदा हुए थे गुरुबख्श

गुरुबख्श चहल(Gurubakhsh) एक ऐसा नाम जो ऐड की दुनिया में देखते ही देखते छा गया। गुरुबख्श का जन्म पंजाब के तरनतारन में हुआ था। गुरुबख्श के जन्म के तीन साल बाद ही उनका पूरा परिवार अमेरिका चला गया। अमेरिका जाकर उनका परिवार किसी पॉश एरिया में नहीं बल्कि वहां की एक स्लम एरिया में बस गया। घर का खर्च चलाने के लिए परिवार ने छोटा मोटा धंधा शुरू कर दिया। किसी तरह से परिवार का पेट भरने लगा।

16 साल की उम्र में ऐड कंपनी की शुरूआत

लेकिन गुरुबख्श की टेक्नालॉजी में रुचि होने की वजह से उनका मन किसी और काम में नहीं लग रहा था। लेकिन संसाधनों की कमी की वजह से वो अपने मन का काम नहीं कर पा रहे थे। गुरुबख्श की ऐड में दिलचस्पी ने उनको धीरे-धीरे उसकी तरफ बढ़ने का सिलसिला चलता रहा। धीरे-धीरे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरने लगी और गुरूबख्श ने महज 16 साल की उम्र में एक ऐड कंपनी की आधारशिला रखी। जिसका नाम उन्होंने क्लिक वेंचर रखा।

पढ़ाई से टूट गया नाता

कंपनी खुलने के बाद चहल की पढ़ाई से नाता एकदम टूट सा गया। लेकिन चहल ने अपनी कंपनी में जी जान लगा दिया। उस समय ऐड जगत का कांसेप्ट एक दम नया था और जल्दी ऐड भी नहीं मिलता था। लेकिन गुरूबख्श पीछे नहीं हटे। दिनरात की मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लगी। सबसे पहले उन्हें छ महीने के अंतराल के बाद एक प्रोग्रामर से एडवरटाइजिंग क्लिक प्रोग्राम के लिए ऑर्डर मिला। बस क्या था यहीं से गुरुबख्श की जिंदगी ने रंद बदलना शुरू कर दिया।

ब्लू लिथियम कंपनी याहू को बेच दिया  

इसके बाद उन्हें एक के बाद एक कंपनियों से ऑर्डर मिलना शुरू हो गया। कुछ समय बाद उन्होंने ब्लू लिथियम और रेडियमवन एड क्लिक नामक दो कंपनियों की आधारशिला रख दी। साल 2007 में ब्लू लिथियम को उन्होंने याहू को करीब 30 करोड़ डॉलर में बेच दिया। यही वो दिन था जब गुरुबख्श(Gurubakhsh) का नाम विज्ञापन की दुनिया में एक सितारा बनकर चमक गया।

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जिसपर हर किसी की नजर पड़ी। याहू की इस डील ने महज एक 25 साल के लड़के को अरबपति बना दिया। अब गुरूबख्श ऐड की दुनिया में उस बुलंदी को छूने निकल पड़े जहां से उनको पूरी दुनिया देख सके। गुरुबख्श ने ग्रविटी-4 नाम से एक और कंपनी की नींव रखी जिसका हेडक्वॉर्टर सैन फ्रंसिस्को में बनाया।

गुरुबख्श दुनियाभर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो ये सोचकर बैठ जाते हैं कि उनके पास कुछ अच्छा करने के लिए संसाधन नहीं हैं। गुरुबख्श को उनके इस सफलता के लिए अमेरिका के मशहूर ‘द ओप्रा विन्फ्रे शो’ में बतौर मेहमान बुलाया गया। इस शो में उन्हें मोस्ट बैटलर के सम्मान से नवाजा गया। जो किसी भी भारतीय के लिए गौरव की बात है।

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