आंधी-तूफान की चेतावनी के बाद काशी में शुरु हुई पूजा-अर्चना
पूर्वी उत्तर प्रदेश में आंधी और तूफान के अलर्ट के बीच धर्मनगरी वाराणसी में ज्योतिषियों ने जो गणना की है, उसके मुताबिक मई माह कुछ अच्छा नहीं गुजरेगा। इसको लेकर काशी में पूजा अर्चना शुरू हो गई है। इस बार आंधी तूफान के अलर्ट में पूर्वी उत्तर प्रदेश पर फोकस है। इसलिए यहां पूजा अर्चना शुरू हो गई हैॉ। धरती को इस प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए काशी के अस्सी घाट के किनारे विख्यात ज्योतिषाचार्य आचार्य ऋषि द्विवेदी के साथ ब्राह्मणों ने शिव का अनुष्ठान शुरू कर दिया था। इस दौरान मंत्रोच्चारण के साथ विश्वेश्वर महादेव से प्रार्थना की गई।
देवताओं की पूजा-अर्चना
इसके बाद यज्ञ करके देवताओं की पूजा-अर्चना हुई और आहूति देकर उनसे इस प्राकृतिक आपदा से जनमानस को बचाने की गुहार लगाई गई। ज्योतिषी आचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि मई महीने में भूकंप का योग बन रहा है। भूकंप का क्षेत्र भारत सहित भारत से पूर्व, उत्तर व दक्षिण होगा।
भूकंप का बन रहा योग
बता दें कि काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री आचार्य ऋषि द्विवेदी ने करीब एक महीने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 24 अप्रैल से चार जुलाई के मध्य शनि व बृहस्पति एक साथ आकाश मंडल में वक्री रहेंगे। इन ग्रहों के दुर्योग के बीच एक महादुर्योग आकाशमंडल में बनेगा, जिससे भूकंप नामक योग बनेगा। भूकंप की ये ज्योतिषीय गणना फलित ग्रंथ नारदीय संहिता के मयूर चित्रक में ज्योतिष विज्ञान में मौसम विज्ञान के वर्णन के आधार पर की गई है।
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मंगल प्राय: एक राशि में डेढ़ महीने रहता है
इसमें वर्षा, झंझावात, उल्कापात, महामारी और भूकंपयोग का वर्णन है। उन्होंने बताया कि मंगल ग्रह एक से दो मई की मध्यरात्रि धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगा और छह महीने यही रहेगा। मंगल प्राय: एक राशि में डेढ़ महीने रहता है। वहीं दूसरी तरफ गोचर में प्रमुख फल देने वाले बृहस्पति व शनि भी वक्री होंगे।
आचार्य ऋषि द्विवेदी का मानना है कि न्याय के देवता शनि भी धनु राशि पर 24 अप्रैल को वक्री हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर सरकार सैटेलाइट से बादलों के विन्यास और भूकंप का अध्ययन करे तो पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।