180वीं पुण्यतिथि : लाहौर में लगेगी महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति

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19वीं सदी में लगभग 40 सालों तक पूरे पंजाब पर राज करने वाले महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति का लाहौर में गुरुवार को उनकी 180वीं पुण्यतिथि पर अनावरण किया जाएगा। यह मूर्ति लाहौर किले में माई जिंदियन हवेली के बाहर एक खुली जगह में स्थित है। यह स्थान रणजीत सिंह समाधि और गुरू अर्जुन देव के गुरुद्वारा डेरा साहिब के नजदीक है। हवेली का नाम रणजीत सिंह की सबसे छोटी महारानी के नाम पर रखा गया है। यहां अब स्थायी तौर पर सिख प्रदर्शनी लगी है जिसे सिख गैलरी कहा जाता है।

कार्यक्रम के निमंत्रण कार्ड के अनुसार आठ फीट लंबी मूर्ति को वाल्ड सिटी ऑफ लाहौर सिटी (डब्ल्यूसीएलए) स्थापित कर रहा है। इस मूर्ति में रणजीत सिंह अपने घोड़े पर सवार नजर आ रहे हैं। यह शहर की विरासत के संरक्षण के लिए एक स्वायत्त निकाय है। इस मूर्ति को ब्रिटेन स्थित सिख समिति एसके फाउंडेशन की मदद से स्थापित किया जा रहा है।

डब्ल्यूसीएलए के महानिदेशक कामरान लशैरी ने कहा, ‘जैसा कि आप सभी जानते हैं धार्मिक पर्यटन हमारी सरकार की मुख्य थीम में से एक है। करतारपुर साहिब, ननकाना साहिब पर हमारी सरकार के दौरान ज्यादा ध्यान दिया गया है। धार्मिक पर्यटन खासतौर से सिख धर्म के पर्यटन को ध्यान में रखते हुए रणजीत सिंह की मूर्ति को लगाया जाना था।’

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उन्होंने कहा कि यह सही है कि रणजीत सिंह की मूर्ति का लाहौर में अनावरण किया जा रहा है। उन्होंने 1801-1839 तक पंजाब पर राज किया था। लशैरी ने कहा, ‘रणजीत सिंह समाधि, और गुरुद्वारा डेरा साहिब सहित लाहौर किले में और उसके आसपास सिख विरासत का एक बड़ा अंश है। किले के अंदर हमने एक सिख गैलरी बना रखी है। मूर्ति इस बात का एक अच्छा संकेत होगा कि हम धार्मिक पर्यटकों, विशेष रूप से सिख पर्यटकों को अधिक मौके दे रहे हैं।’

पिछले साल सितंबर में करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए पाकिस्तान भारत के साथ मिलकर एक कॉरिडोर का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान सरकार ने रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर भारत के 450 से ज्यादा सिख श्रद्धालुओं को वीजा जारी किया है। रणजीत सिंह की 180वीं पुण्यतिथि 29 जून को है। हालांकि इस कार्यक्रम में भारतीय उच्चायोग के किसी भी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया है।

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