जब देश कोरोना काल से जूझ रहा है तब दीपोत्सव मनाने का क्या औचित्य : स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती

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अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के पहले सियासत का दौर जारी है। एक तरफ कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां भूमि पूजन की टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रही हैं तो दूसरी ओर संतों का एक खेमा भी सरकार पर निशाना साध रहा है। ज्योतिष एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने एक बार फिर अयोध्या में राम मंदिर के निमित्त भूमि पूजन के मौके पर आयोजन को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महामारी पीडि़त देश से हर्ष प्रदर्शित करने के लिए दीपोत्सव का आह्वान किया जा रहा है। वर्तमान में कोरोना का संक्रमण पूरे देश में हावी है, लोग विपत्ति में हैं। जब प्रतिदिन पीडि़तों के आंकड़ों में वृद्धि हो रही है तो बजाय स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने के लोगों से उत्सव मनाने की अपील करना उचित नहीं है।

भूमि पूजन के मुहूर्त को लेकर सरकार पर निशाना

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का मंदिर बनाए जाने से हमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन भगवान की जन्मस्थली में गर्भगृह के आग्नेय कोण में बालरूप की स्थापना की जानी चाहिए। शास्त्रोक्त विधि-विधान से इसका निर्माण होना चाहिए। शंकराचार्य ने सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई के समय की घटना का स्मरण कराते हुए कहा कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान जब सभी न्यायाधीशों द्वारा एक स्वर में यह पूछा गया कि श्रीराम का जन्मस्थल कहां है तब भारतीय जनता पार्टी या उसके अनुषंगिक संगठन और समर्थक अधिवक्ता आदि जन्मभूमि का सटीक स्थल नहीं बता पाए थे। ऐसे समय में शंकराचार्य जी महाराज ने श्रीराम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति की ओर से पक्षकार होने के नाते अपने अधिवक्ता श्री परमेश्वर नाथ मिश्र एवं सुश्री रंजना अग्निहोत्री के माध्यम से न्यायालय को 300 से अधिक प्रमाणों के साथ यह जानकारी दी थी कि श्रीराम की जन्मभूमि इसी स्थल पर है।

राजधर्म निभाएं और सबसे पहले कोरोना से मुक्ति दिलवाएं

कोरोना से पीडित जनता के स्वास्थ्य की चिन्ता करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि इस समय सरकार का एक ही कर्तव्य है कि वह देश को कोरोना महामारी के संकट से मुक्ति दिलवाएं। हर शहर, हर गांव में इलाज की सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। कोरोना संक्रमण से निजात पाने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास करें। इस अति आवश्यक कार्य को न कर मन्दिर की बातों से लोगों का ध्यान न भटकाएं। साथ ही कहा कि जिस घर में कोरोना से कोई भी व्यक्ति संक्रमित होगा या मरा होगा वह कैसे दीप जलाकर हर्ष मनाएगा? अतः सबसे पहले कोरोना भगाएं, फिर शुभ मुहूर्त में मन्दिर बनवाएं तो उसके बाद पूरा देश दीप भी जलाएगा और हर्ष भी मनाएगा।

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