भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है राम मंदिर : RSS
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा है कि राम मंदिर, एक पवित्र तीर्थस्थान के अलावा भारत के गौरवशाली अतीत का प्रतीक है, जो सांस्कृतिक मूल्यों और आर्थिक समृद्धि का भी प्रतीक है। डॉ. मनमोहन वैद्य के मुताबिक, अयोध्या में रामजन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का शुभारंभ भारत के सांस्कृतिक इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। जिस तरह से गुजरात में सोमनाथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के हाथों हुई थी, उसी तरह का यह प्रसंग है।
‘राम मंदिर का निर्माण, राष्ट्र निर्माण का पूरक और पोषक है’
महात्मा गांधी, वी.पी.मेनन, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे नेताओं ने तब सोमनाथ मंदिर के निर्माण को भारतीयों की चिरविजयी अस्मिता और गौरव का प्रतीक माना था। यह अलग बात है कि पंडित नेहरू ने इस घटना को हिंदू पुनरुत्थानवाद कहकर विरोध किया था।
मनमोहन वैद्य से पहले आरएसएस के ही सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले भी कह चुके हैं कि राम मंदिर का निर्माण केवल धार्मिक मामला नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के विकास का प्रतीक है। राम मंदिर का निर्माण, राष्ट्र निर्माण का पूरक और पोषक है। यह सांस्कृतिक और वैचारिक गुलामी से स्वतंत्रता का प्रतीक है।
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