बिहार में अब चूहे नहीं पी पाएंगे शराब!
बिहार में जब्त की गई शराबों को ‘चूहों’ से बचाने और उसे सुरक्षित रखने के लिए अब राज्य सरकार गोदामों का निर्माण कराएगी। राज्य सरकार जब्त की गई गई शराबों को सुरक्षित भंडारण के लिए राज्यभर में कुल 47 गोदामों का निर्माण कराएगी। बिहार में शराबबंदी के बाद जब्त की गई शराब के थाने के मालखाना से गायब होने के बाद पुलिस अधिकारियों ने इसके लिए ‘चूहों’ को जिम्मेवार बताया था।
मद्य एवं निषेध विभाग के एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि राज्य के 38 जिलों में जब्त की गई गई शराबों को सुरक्षित भंडारण के लिए कुल 47 गोदामों का निर्माण कराया जाएगा। इनमें से चार गोदामों का निर्माण पटना में कराया जाना है।
उन्होंने बताया, “जब्त की गई शराबों को तब तक इन गोदामों में सुरक्षित और संरक्षित रखा जाएगा, जब तक अदालत के आदेश के बाद इन्हें नष्ट करने की कारवाई शुरू नहीं कर ली जाती।” इन गोदामों को बनाने की जिम्मेवारी बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम को सौंपा गया है। निगम इससे पूर्व भी बिहार में कई पुलिस थाना भवनों, पुलिस आवासीय भवनों तथा कई कार्यालयों का निर्माण करा चुकी है।
बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के एक अधिकारी ने बताया कि अकेले पटना में चार गोदामों का निर्माण कराया जाना है। ये निर्माण दीघा, फतुहा, बाढ़ थाना परिसरों के साथ ही पाटलिपुत्र रेल थाना परिसर में कराया जाएगा।
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उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज पटना में सभी थाना प्रभारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने थानों द्वारा बरामद शराब के संबंध में जानकारी ली थी। कई थाना प्रभारियों द्वारा बताया गया कि जब्त की गई शराब थाने के मालखाने में रखरखाव के अभाव में या तो बर्बाद हो गए हैं या फिर उनके कॉर्क को कुतरकर ‘चूहे’ शराब गटक गए।
इसके बाद महाराज ने थानों में पदस्थापित सभी स्तर के पुलिसकर्मियों का औचक ‘ब्रेथ एनलाइजिंग’ टेस्ट कराने की बात कही थी तथा पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे। उल्लेखनीय है कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी पांच अप्रैल, 2016 को लागू हुई थी और संशोधित नया कानून 2 अक्टूबर, 2016 को लागू हुआ था।
बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में पूर्ण शराबबंदी के 13 महीनों के दौरान 5, 67,875 लीटर विदेशी (अंग्रेजी), 3,10,492 लीटर देशी शराब और जब्त की गई है। अधिकारियों की मानें तो पिछले दो महीने के दौरान दो लाख लीटर से अधिक की शराब नष्ट की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में कह चुके हैं कि बिहार में शराबबंदी की सफलता के बाद नशामुक्ति की ओर बढ़ चुका है।
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