जो देशभर में एनआरसी की चर्चा फैलाते हैं, आज कहते हैं कि चर्चा ही नहीं थी:प्रियंका

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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एनआरसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर में कांग्रेस की स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा- “जो देशभर में एनआरसी की चर्चा फैलाते हैं, आज कहते हैं कि चर्चा ही नहीं थी। ये देश आपको पहचान रहा है, आपकी कार्यकर्ता को पहचान रहा है और आपके झूठों से ऊब चुका है।” प्रियंका का यह संबोधन लगातार सभी टीवी पर चल रहा है।

भाजपा ने सांप्रदायिकता का जहर घोला कि अफसरों में संविधान की कद्र नहीं

कांग्रेस महासचिव ने शनिवार को मेरठ के अफसरों के विवादित बोल का वीडियो जारी करके भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता का जहर इस कदर घोला है कि अफसरों में संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।
गौरतलब है कि नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अटपटे बोल बोलते हुए दिख रहे हैं। वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है।

अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट

अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट है। प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं। वह मोबाइल से वीडियो बनाते हुए गली में वापस मुड़ते हैं। एक समुदाय के लोगों से कहते हैं कि जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है।

इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वे गलत हैं। इस पर अफसर कहते हैं कि उनको कह दो कि “वे दूसरे मुल्क चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।”

अन्य विपक्षी दल राज्य में बहुत ज्यादा नहीं बोल रहे हैं

प्रियंका ने आगे कहा-“अन्य विपक्षी दल राज्य में बहुत ज्यादा नहीं बोल रही हैं, लेकिन जैसा कि मैंने यह कहा कि हम डरनेवाले नहीं है, अगर हमें अकेले भी चलना पड़ा तो हम आवाज उठाते रहेंगे। हमें विधानसभा चुनाव में अकेले जाने की तैयारी करनी होगी।”

नोटबंदी से दोगुना ज्यादा बड़ा घातक

उधर, राहुल गांधी ने एनआरसी और एनपीआर को नोटबंदी से दोगुना ज्यादा बड़ा घातक बताया। राहुल ने पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम से अलग गांधी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ”ये (एनआरसी और एनपीआर) नोटबन्दी नंबर 2 है। इससे हिंदुस्तान के गरीबों को बहुत नुकसान होने जा रहा है। नोटबन्दी तो भूल जाइये, ये उससे दोगुना झटका होगा। इसमें हर गरीब आदमी से पूछा जाएगा कि वह हिंदुस्तान का नागरिक है या नहीं। लेकिन उनके जो 15 दोस्त हैं उनको कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ”

उन्होंने आरोप लगाया कि एनआरसी और एनपीआर की प्रक्रिया से भी सरकार के कुछ ”पूंजीपति मित्रों ” को फायदा होगा। गांधी ने देश में निरोध केंद्र नहीं होने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान को लेकर भी उन पर निशाना साधा।

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