मकर संक्रांति पर बन रहा खास योग, साढ़े दस घंटे रहेगा पुण्य काल

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मकर संक्रांति पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही खरमास का समापन हो जाएगा और 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. मकर संक्रांति का पुण्य काल दस घंटे 31 मिनट और महापुण्य काल एक घंटा 45 मिनट का होगा. संक्रांति पर पूर्वजों के तर्पण और पिंडदान का भी विधान है.

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बन रहा अमृत काल का मुहूर्त

काशी के कर्मकांडी और ज्योतिषाचार्य पंडित रत्नेश त्रिपाठी के अनुसार इस बार मकर संक्रांति पर रवि योग, अमृत काल और अभिजीत मुहूर्त बन रहा है.पुण्य काल सुबह 7ः15 बजे से शाम 5ः46 बजे तक रहेगा और महापुण्य काल की अवधि सुबह 7ः15 से सुबह नौ बजे तक रहेगा. इस दौरान स्नान-दान, पूजा-अनुष्ठान, जप-तप करना चाहिए. साथ ही अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12ः09 बजे से 12ः51 बजे तक रहेगा. रवि योग सुबह 7ः15 से लेकर 8ः07 बजे तक होगा. अमृत काल रात 10ः49 बजे से 12ः17 बजे तक है. इसके बाद खरमास का समापन होगा और मांगलिक कार्य किये जा सकेंगे. बव और बालव करण दोपहर 3ः35 बजे तक रहेगा. काशी के अधिपति भगवान शिव के साथ माता दुर्गा के पूजा का भी विधान है. शिव का रूद्राभिषेक किया जा सकता है और मां दुर्गा की अराधना से परिवार में सुख-शांति की वृद्धि होती है.

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