शलभ मणि के अथक प्रयासों से गिरफ्तार हुआ आरोपी सपा नेता
यूपी के देवरिया जिले के चर्चित दीपक मणि अपहरण कांड के मुख्य आरोपी जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव को क्राइम ब्रांच की स्वाट टीम ने महराजगंज के ठूठीबारी से गिरफ्तार कर लिया है। इस अपहरण कांड के बाद से ही जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव उर्फ बबलू फरार चल रहा था। स्वाट टीम कि गिरफ्त में आए जिला पंचायत अध्यक्ष से पूछताछ जारी है।
पुलिस ने घोषित किया था 25 हजार का इनाम
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने अध्यक्ष की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की चार टीमों को लगाया था और आरोपी अध्यक्ष की गिरफ्तारी के लिए 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था।
एसपी रोहन पी कनय ने बताया है कि पुलिस टीम को दो दिन पहले रामप्रवेश यादव का लोकेशन नेपाल में मिला था। जिसके बाद पुलिस टीम के सदस्य नेपाल पहुंच गए और अध्यक्ष का पीछा करने लगे।
उन्होंनें बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष शनिवार को नेपाल से ठूठीबारी कस्बा में सीमा पार कर पहुंचा था। इस दौरान वह स्टैंड पर लखनऊ जाने के लिए खड़ा था इसी बीच स्वाट टीम ने जिला पंचायत अध्यक्ष को दबोच लिया।
रंग लाई शलभ मणि त्रिपाठी की मुहिम
मामले के प्रकाश में आने के बाद बीजेपी नेता व प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने दीपक मणि को इंसाफ दिलाने के लिए मुहिम शुरू की थी। शलभ मणि त्रिपाठी ने इस पूरे प्रकरण को मीडिया के सामने लाने और मुख्यमंत्री तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी। साथ ही शलभ मणि त्रिपाठी के प्रयास का ही नतीजा रहा कि पीयूष मणि को सकुशल अपराधियों के चंगुल से छुड़ाया जा सका।
लगातार अपने लोगों के संपर्क में था जिला पंचायत सदस्य
जिला पंचायत अध्यक्ष के देश को छोड़ कर फरार होने के बाद भी वह अपने लोगों के संपर्क में थे। बताया जा रहा है कि कुछ जिपं सदस्य लगातार उसके संपर्क में रहे और देवरिया की हर गतिविधि से उसे अवगत कराते रहे, क्योंकि जब शुक्रवार की रात पुलिस गिरफ्त में जिला पंचायत अध्यक्ष आए तो तत्काल कुछ जिला पंचायत सदस्य इसकी सूचना जनपद के अधिकारियों व मीडिया में देना शुरू कर दिए।
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उधर एकौना थाने में जिला पंचायत अध्यक्ष के रखने की चर्चा होते ही कुछ जिपं सदस्य पहुंच गए और देर रात तक जमे रहे। पुलिस सूत्रों का कहना है कि कई अन्य लोग भी इस मामले में गिरफ्त में आ सकते हैं।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, जिला पंचायत अध्यक्ष पर देवरिया खास निवासी दीपक उर्फ पीयूष मणि का अपहरण जबरन जमीन बैनामा कराने का आरोप था। पुलिस ने इस मामले का खुलासा 1 मई को करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
बता दें कि अध्यक्ष के साथ मिलकर बैनामे की इस कार्रवाई को अंजाम देने वाले उपनिबंधक फूलचंद यादव सहित रजिस्ट्री विभाग के आधा दर्जन कर्मचारियों को भी बाद में पुलिस ने जेल भेज दिया था, लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष उसी समय से फरार चल रहे थे। अध्यक्ष ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट की शरण ली थी, लेकिन शुक्रवार को हाईकोर्ट में उनकी याचिका खारिज हो गई। कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने का निर्देश दिया था।
इनपुट- मार्तंड सिंह