रिश्वत के ‘रेट कार्ड’ पर चला नोएडा एसएसपी का हंटर
रिश्वत को लेकर आपस में भिड़े सिपाही ने यूपी पुलिस की पोल खोल कर रख दी। पोल खुलते ही पुलिस महकमे में खलबली मच गई। रिश्वत की हिस्सेदारी न मिलने से सिपाही ने शुक्रवार को यूपी पुलिस को मुसीबत में डाल दिया और इसका नतीजा नोएडा की क्राइम ब्रांच को भंग किए जाने के तौर पर सामने आया। कहा जा रहा है कि पुलिसकर्मी ने महीने के कलेक्शन में अपना हिस्सा न मिलने से नाराज होकर क्राइम ब्रांच की कथित लिस्ट ही सार्वजनिक कर दी।
घूसखोरी के इस पूरे नेटवर्क में सीनियर अधिकारी भी शामिल
इसके बाद नितिन नाम के ट्विटर हैंडल से इस लिस्ट को ट्वीट किया गया और देखते ही देखते यह वायरल हो गई। इस ट्वीट में वॉट्सऐप मेसेज के स्क्रीनशॉट थे, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि यह पुलिस वाले के जरिए ही मिले थे। इस ट्वीट में पुलिस की ओर से महीने के कलेक्शन की जानकारी थी और दावा यह भी था कि घूसखोरी के इस पूरे नेटवर्क में सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं।
नोएडा क्राइम ब्रांच की 16 सदस्यीय SWAT टीम थी
यही नहीं कथित तौर पर स्थानीय कारोबारियों की भी लिस्ट दी गई, जो नियमित रूप से पुलिस को घूस देते रहे हैं। आरोपों के मुताबिक घूसखोरी के इस पूरे नेटवर्क के पीछे नोएडा क्राइम ब्रांच की 16 सदस्यीय SWAT टीम थी। ट्वीट वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और विंग के हेड संजीव कुमार, दो कॉन्टेबल्स और 13 अन्य सदस्यों को तत्काल SWAT टीम से हटाया गया और उन्हें पुलिस लाइन भेज दिया गया।
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नोएडा के एसएसपी अजयपाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने पुलिस यूनिट में कथित घूसखोरी नेटवर्क की जांच के आदेश दिए हैं। इस पूरे मामले की जांच की निगरानी एसपी सिटी अरुण कुमार सिंह करेंगे। क्राइम ब्रांच में 4 विभाग होते हैं- साइबर सेल, सर्विलांस सेल, स्वात और जांच टीम। स्वात टीम की जिम्मेदारी साइबर और सर्विलांस टीम से मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी और एनकाउंटर करने की होती है। सूत्रों का कहना है कि स्वात टीम के मेंबर सीमेंट मैन्युफैक्चरर्स, फ्यूल स्टेशनों, होटल मालिकों और डिवेलपर्स से 3,000 से 10,000 रुपये तक का कलेक्शन करते थे। इनमें से कई लोगों की जानकारी शुक्रवार को ट्वीट किए गए मेसेज में भी दी गई थी।
घुसखोरी के बंटवारे में विवाद से लीक हुई जानकारी?
कहा जा रहा है कि तीन महीनों से पैसे न बांटे जाने को लेकर स्वात टीम में असंतोष था। सूत्रों के मुताबिक स्वात टीम में सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गैंग से निपटने के तरीकों को लेकर भी मतभेद थे। गुरुवार को इस मसले पर टीम के दो कॉन्स्टेबलों के बीच तीखी बहस हुई थी। कहा जा रहा है कि इनमें से ही किसी एक सिपाही ने इस पूरी जानकारी को लीक किया, जिसे नितिन नाम के ट्विटर हैंडल से जारी कर दिया गया।
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