आसमान से बरसी खुशियों की ‘बूंदे’
केरल में बुधवार (8 जून) को मानसून ने दस्तक दे दी। आमतौर पर यहां एक जून को मानसून पहुंचता है। केरल में भले ही मानसून देर से पहुंचा है लेकिन मध्य तथा पूर्वी भारत में इसके समय से पहले पहुंचने की उम्मीद है। मौसम विभाग के मुताबिक 15 जुलाई तक देश के सभी हिस्सों में मानसून दस्तक दे देगा। हालांकि, मध्य प्रदेश में 20 जून तक पहुंचने की उम्मीद है।
दिल्ली में 29 जून तक देगा दस्तक
मौसम विभाग के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली में मानसून 29 जून तक, जबकि 20-22 जून तक भोपाल समेत एमपी में दस्तक दे सकता है। जून को छोड़कर बाकी महीने जुलाई, अगस्त और सितंबर में इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश होने के उम्मीद है। बिहार में इसके 18 से 20 जून तक पहुंचने के आसार हैं। छत्तीसगढ़ में 16-17 जनू तक मानसून पहुंचेगा। कहा जा रहा है कि 15 जुलाई तक मानसून देशभर में छा जाएगा।
केरल में कब-कब पहुंचा मानसून
2005 07 जून
2006 26 मई
2007 28 मई
2008 31 मई
2009 23 मई
2010 31 मई
2011 29 मई
2012 05 जून
2013 01 जून
2014 06 जून
2015 05 जून
2016 08 जून
पिछले 5 सालों में बारिश
2011 1627.8 मिलीमीटर
2012 1359.9 मिलीमीटर
2013 1357.6 मिलीमीटर
2014 911.2 मिलीमीटर
2015 809.7 मिलीमीटर
106% बारिश की उम्मीद
पानी की दिक्कतों से जूझ रहे दस से अधिक राज्यों के साथ ही देश भर के लिए इस साल अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने इस साल मानसून के सामान्य से भी अच्छा रहने की संभावना जताई है। मानसून के चार महीनों जून से सितंबर के बीच 106% बारिश होने की उम्मीद है। चार महीनों में सामान्यत 890 मिमी बारिश होती है। इस बार छह फीसदी अधिक मतलब 943 मीमी तक बारिश हो सकती है। जो की देश के लिए काफी राहत भरी खबर है।
जुलाई से शुरू होगा ‘ला नीना’ का असर
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल मानसून औसतन 106 फीसदी लंबे रेंज में सामान्य तौर पर बरसेगा। ‘अल नीनो’ कमजोर हो रहा है और उसके मानसून के बीच में आने की संभावना है। वहीं ‘ला नीना’ जुलाई से शुरू हो जाएगा। इससे खेती को लेकर बेहद अच्छी संभावनाएं बनती दिख रही हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
पिछले साल सबसे कम हुई थी बारिश
मौसम विभाग के आकड़ों के अनुसार पिछले साल उत्तर प्रदेश में सामान्य के मुकाबले मात्र 59.8 फीसदी बारिश हुई थी। पहले से ही पानी का संकट झेल रहे बुंदेलखण्ड में सामान्य के मुकाबले सिर्फ 47.7 प्रतिशत ही बारिश हुई थी। जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश बेहतर रहा, जंहा 69.4 फीसदी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में 59.1 और मध्य उत्तर प्रदेश में 50.2 प्रतिशत बारिश हुई थी।
नौ राज्यों में सूखा
यूपी-एमपी के बुंदेलखंड के साथ ही महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठावाड़ा, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना समेत नौ राज्य सूखे की चपेट में हैं। कई राज्यों में सूखे से हालात इतने बदतर हो गए हैं कि लोग पीने के पानी तक को तरस गए हैं और वहां से पलायन करने को मजबूर हैं। सूखे को लेकर देश भर में सरकार, अदालत और सार्वजनिक क्षेत्रों में लगातार बहसें हो रही हैं।
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