‘टीवी पर हीरो और जमीन पर जीरो’ : सोनिया

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को मोदी सरकार पर विरोध के स्वर कुचलने और अलग तरह के विचारों को दबाने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल करने तथा विभाजनकारी मुद्दों को हवा देने का आरोप लगाया। साथ ही ‘भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की बढ़ती घटनाओं’ तथा सरकार व उनकी विचारधारा की समानता पर चिंता जताई।

सोनिया ने पूरे देश को प्रतिगामी तथा संकीर्ण मानसिकता की विचारधारा की बेड़ियों में जकड़ने के लिए एक व्यापक अभियान चलाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी से कहा कि वह भारत के मर्म व विचारों का संरक्षण करे।

सोनिया कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर रही थीं, जिस दौरान सरकार के नोटबंदी के फैसले पर उन्होंने तथा मनमोहन सिंह ने जोरदार हमले किए।

दिन भर चली बैठक कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव के अलावा देश के राजनीतिक हालात, आगामी राष्ट्रपति चुनाव, कश्मीर संकट पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी।

सोनिया ने कहा, “विभाजनकारी मुद्दों को हवा दी जा रही है और अलग धर्म व आस्था को मानने वालों की आजीविका व खानपान पर हमला किया जा रहा है। यह सरकार विरोध के स्वर दबाने के लिए राजसत्ता का इस्तेमाल कर रही है।”

कार्यसमिति की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि चाहे वह राजनीतिज्ञ हों, संस्थान, छात्र, नागरिक समाज या मीडिया हो, असहिष्णुता तथा अलग विचारों को दबाने की घटनाएं बढ़ी हैं, जो देश के कानून का घोर उल्लंघन है।

सोनिया ने कहा, “भीड़ द्वारा लोगों को मौत के घाट उतारने की घटनाओं में इजाफा होना गंभीर चिंता की बात है। इन घटनाओं को अंजाम देने वाली भीड़ तथा सत्ताधारी सरकार में वैचारिक समानता है।” उन्होंने कहा कि दलित, जनजातीय समुदाय, अल्पसंख्यक तथा अन्य दबे-कुचले लोग बुरे वक्त का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल उससे अलग मत रखने वालों को दबाने के लिए कर रही है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि न्यायपालिका की अहमियत को कम करने का सुनियोजित प्रयास हो रहा है और विरोध के स्वर को दबाया जा रहा है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार को छिपाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, “सत्ता से नजदीकी रखने वालों की संपत्ति व प्रभाव में पिछले तीन साल में चमत्कारिक रूप से बढ़ोतरी देखी गई या फिर वे कानून से बचकर देश छोड़ने में कामयाब रहे।” सोनिया ने कहा कि सरकार प्रतिगामी व संकीर्ण सोच को बढ़ावा दे रही है। मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल के दौरान सौहार्द्र की जगह कलह ने ले ली है।

सोनिया ने कहा, “जहां समरसता थी, वहां कलह है। जहां सहिष्णुता थी, वहां उकसावा है। जहां सापेक्ष शांति थी, जैसे कश्मीर में, वहां झड़प, तनाव व डर में इजाफा हुआ है। जहां आर्थिक संभावना थी, वहां गतिहीनता है। जहां समृद्ध विविधता थी, वहां पूरे देश को प्रतिगामी व संकीर्ण वैश्विक नजरिए में धकेलने का अभियान चल रहा है।”

सोनिया ने कहा कि सरकार की मेक इन इंडिया पहल रोजगार सृजन करने तथा निवेश को आकर्षित करने में नाकाम रही है और बेरोजगरी तेजी से बढ़ी है।

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उन्होंने कहा, “देश भर में किसान अत्यंत तनाव में हैं, जिसके कारण उन्हें खुदकुशी करनी पड़ रही है। घोषणा पत्र में किए गए जिन वादों को 2019 तक पूरा करना था, उन्हें अब 2022 तक पूरा करने की बात कही जा रही है।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि विरोध के स्वर कुचलने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने पिछले तीन वर्षो में सरकार के प्रदर्शन पर निशाना साधा और उसे ‘टीवी पर हीरो और जमीन पर जीरो’ करार दिया और कहा कि सरकार युवाओं और किसानों सहित विभिन्न वर्गों के लिए अपने वादे पूरा करने में नाकाम रही है।

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