पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हो रही ड्रग्स की सप्लाई
दुनिया की कई बड़ी टेक कंपनियां अभी तक ड्रोन को लेकर प्रयोग कर रही हैं कि वे कैसे आसानी से पिज्जा या किताबों की डिलीवरी कर सकें। लेकिन, पाकिस्तान से तस्करों (Smugglers) ने ड्रोन से ड्रग की सप्लाई शुरू कर दी है। पंजाब के आसपास के गावों में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं।
तस्करों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल की जानकारी मिली थी
बीएसएफ की इंटेलिजेंस से जुड़े एक सूत्र ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हाल ही में गुरदासपुर के एक गांव में तस्करों द्वारा ड्रोन के इस्तेमाल की जानकारी मिली थी। सूत्र ने बताया कि प्लास्टिक बैग में रखा नशीला पदार्थ ड्रोन के जरिए करीब 200 मीटर की ऊंचाई पर उड़ रहा था। जब उसे पहचान लिया गया तो ड्रोन पैकेज की डिलीवरी किए बगैर पाकिस्तान में वापस चला गया।
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तस्करों द्वारा ड्रग की स्मगलिंग के लिए अपनाया जा रहा यह तरीका बीएसएफ के लिए पर्याप्त संकेत था। इस तरह के मामला साहारन में भी देखा गया था। बीएसएफ के सनियर अधिकारियों की मानें तो हाल के दिनों तस्करों द्वारा अपनाया गया यह दूसरा अनोखा तरीका था, इससे पहले ट्रेंड स्कूबा डाइवर्स के जरिए सतलज और रावी नदी के रास्ते भी ड्रग की सप्लाई की जाती थी, लेकिन सिक्यॉरिटी फोर्स ने इस तरीके को बहुत जल्दी समझ लिया था।
बॉर्डर की सिक्यॉरिटी की जिम्मेदारी है
बीएसएफ के पास 553 किलोमीटर के बॉर्डर की सिक्यॉरिटी की जिम्मेदारी है। सूत्रों का कहना है कि ड्रग की स्मगलिंग का सबसे ज्यादा काम अबोहर, फिरोजपुर, अमृतसर और गुरदासपुर जिले हैं। 2017 में बीएसएफ ने 270 किलो हेरोइन बरादम की थी।
NBT
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