चंदौली में 3.75 लाख के जाली नोटों के साथ तस्‍कर गिरफ्तार

भाई के साथ नकली नोट छापता है गोपाल पांडेय, उत्‍कृष्‍ट किस्‍म का प्रिंटर आद‍ि बरामद

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चंदौली जिले के धानापुर थाने की पुलिस ने बुधवार की रात जाली नोटों के सौदागरों के गिरोह के एक सदस्‍य को चोचकपुर पुल से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने उसके पास से तीन लाख 75 लाख के जाली नोट बरामद किया है. पुलिस के अनुसार पकड़ा गया जाली नोटों का तस्‍कर गोपाल पांडेय बिहार के रोहतास जनपद के बघैला थाना क्षेत्र के भुलवाही गांव का निवासी है. वह जाली नोटों के धंधे में लम्‍बे समय से लिप्‍त है. इसके गिरोह के दो साथियों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है. इसके पास से एक प्रिंटर अलग अलग रंगों की स्‍याही, केबल, नोट छापनेवाले पेपर और मोटरसाइकिल भी बरामद हुए हैं. इनमें 100 रूपये के 1700 और 500 रूपये के 410 नोट हैं. गोपाल पांडेय के खिलाफ विभिन्‍न थानों में चार मुकदमे दर्ज हैं. वर्ष 2015 से यह अपराधिक मामले में संलिप्‍त है. इसके खिलाफ गैंगस्‍टर के तहत कार्रवाई हो चुकी है.

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पुलिस अधीक्षक चन्दौली डा. अनिल कुमार ने बताया कि धानापुर पुलिस टीम ने बुधवार की रात्रि गश्‍त के दौरान मुखबिर की सूचना पर गोपाल की गिरफ्तारी की. वह चोचकपुर पीपा पुल के पास जाली नोट व मशीन के साथ किसी का इंतजार कर रहा था.

गिरोह के दो साथी पहले भेजे जा चुके हैं जेल

गौरतलब है कि धानापुर पुलिस इससे पहले तीन फरवरी को एक लाख 18 हजार 100 रूपये के जाली नोटों के साथ चंदौली जिले के सकलडीहा क्षेत्र के बथवर गांव के शिवमूरत पाठक और बलुआ थाना क्षेत्र के कैलावर गांव निवासी अरविंद यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. बताया जाता है कि पकड़ा गया गोपाल पांडेय नकली नोटों की छपाई का काम करता था. एक और आरोपित की पुलिस को तलाश है. पूछताछ में गोपाल ने बताया कि वह और उसके भाई गोकुल पांडेय पहले अहमदाबाद में कम्‍पयूटर प्रिंटिंग से साडी और कपड़े पर पिंट व डिजाईन का काम करते थे. कोरोना काल में लाकडाऊन के कारण फैक्ट्री बंद हो गई. इसके बाद परिवार का खर्च चलाना कठिन हो गया. इस दौरान हम दोनों भाइयोंं को खयाल आया कि क्‍यों न हमलोग प्रिंटिंग मशीन से जाली मुद्रा छापने का काम करें. इसके बाद यूट्यू्ब आदि संसाधनों से जानकारी जुटाकर हमलोगों ने जाली नोटों को छापने का काम शुरू कर दिया. भारतीय जाली मुद्रा के छपाई के कार्य में उच्चकोटि का ए4 साइज का पेपर इस्तेमाल किया जाता है. काले रंग का लिफाफा जिसपर JK Excel Bond 80 GSM लिखा है उसी कागज का जाली रुपये के छपाई में हमलोग उपयोग करते हैं. हमारे पास से बरामद प्रिंटर मशीन उच्चकोटी का है. एक बार में चार नोटों को एक साथ ए4 साइज पेपर पर स्कैन कर प्रिंट किया जाता है. फिर बहुत बारीकी से ए4 साइज पेपर पर दूसरे तरफ चारों नोटों को स्कैन कर प्रिंट कर दिया जाता है. उसके बाद कटर व कैंची से एक पेपर में चार नोट काटकर तैयार कर लिये जाते हैं. इसके बाद चमकीले हरे रंग का के सेलोटेप को काटकर जाली नोट के बीच में चस्पा कर दिया जाता है. इससे जाली नोट असली की तरह दिखते हैं. सभी नोटों की गड्डी बनाकर ग्राहकों को बेच देते हैं. इसके बदले ग्राहकों से असली नोट लेते हैं.

पहले भी जेल जा चुके हैं दोनों भाई

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बरामद पांच सौ रूपये के जाली नोट को देखा गया तो पाया गया कि आरबीआई लिखित तार जहां होती हैं वहां एक लाईन में छोटे छोटे टुकड़े इसी सेलों टेप को काटकर इस तरह सेट किया गया है कि असली प्रतीत हो रहा है. गोपाल ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार अमरेश पाठक और अरविंद यादव हमारे अच्‍छे ग्राहक हैं. हमलोग उनसे बीस हजार असली रूपये लेते थे और एक लाख के जाली नोट दे देते थे. जब से दोनों सहयोगी जेल गये हैं तब से मैं और मेरे भाई बहुत सतर्क रहते हैं. कुछ दिन बीत जाने के बाद हमलोगों को लगा कि स्थिति सामान्‍य हो गया है. इसके बाद मेरे भाई गोकुल पाण्डेय ने चन्दौली में ही कहीं रूम लेने की बात की थी. वहींं रहकर हमलोग प्रिन्टर मशीन लगाकर जाली नोटोंंकी छपाई करने वाले थे. इससे पहले वर्ष 2022 में मैं और मेरे भाई गोकुल बलुआ थाने से जेल जा चुके हैं. इस धंधे में अच्‍छी कमाई हो जाती है. चूंकि हमारे दो साथी चंदौली से ही पकडे गये इसलिए हमारी योजना थी कि हमलोग चंदौली में रहकर जाली नोट छापेंगे. लेकिन चंदौली की वजाय दूसरे जिलों में उसकी बिक्री करेंगे. गोपाल ने यह भी बताया कि उसके गिरोह के लोग ग्राहकों से सिर्फ व्हाट्सएप के जरिए समर्क करते हैं. जब ग्राहक पर पूरा भरोसा हो जाता है तो उसे नोट की सप्‍लाई करते हैं. जाली नोटों के सौदागर गोपाल पांडेय को पकड्नेवाली पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक हरिनारायन पटेल, एसआई रामदयाल, कांस्‍टेबल आशीष कुमार, सर्वेश कुमार, सोनू यादव, भानू, अंकुर खरवार आदि रहे.

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