मंदसौर : किसान आंदोलन में हिंसा और आगजनी का दौर जारी

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मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन के आठवें दिन भी छिटपुट हिंसा और आगजनी का दौर जारी रहा। वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के दौरे और पीड़ित किसानों के परिजनों से उनकी मुलाकात ने राजनीति गरमा दी।

किसान आंदोलन के आठवें दिन गुरुवार को शाजापुर और देवास जिलों में हिंसा की खबर है। शाजापुर कृषि उपज मंडी में प्याज की खरीदी शुरू होने से नाराज किसानों ने एक ट्रक और चार मोटर साइकिलों में आग लगा दी। आंदोलनकारियों ने अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) राजेश यादव से मारपीट भी की, जिससे उनके पैर की हड्डी टूट गई।

शाजापुर की जिलाधिकारी अलका श्रीवास्तव ने मीडिया से कहा, “किसानों ने कृषि उपज मंडी में उत्पात मचाया, और पथराव किया, जिसके कारण (राजेश) यादव के पैर की हड्डी टूट गई। जिले में निषेधाज्ञा (धारा 144) लागू कर दी गई है।”

इसी तरह देवास में एक ट्रक को उपद्रवियों ने आग लगा दी। बढ़ते उपद्रव के चलते भोपाल-इंदौर मार्ग पर बसों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई है। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने हालांकि कहा कि भोपाल-इंदौर राजमार्ग पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के राजकुमार यादव के अनुसार, हरदा, रायसेन सहित अन्य स्थानों पर भी किसानों ने प्रदर्शन कियाा। कुछ स्थानों पर छिटपुट हिंसा भी हुई।

आम किसान यूनियन के केदार सिरोही के मुताबिक, “अगर सरकार का रुख बदलता नहीं है और वह बातचीत के लिए आगे नहीं आती है तो 10 जून को चक्काजाम, जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।”

इस बीच, पुलिस गोलीबारी में मारे गए किसानों के परिजनों से मुलाकात करने मंदसौर जा रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई नेताओं की गिरफ्तारी ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। मंदसौर जिला प्रशासन की अनुमति न मिलने पर राहुल, जद(यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव के साथ हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से मंदसौर के लिए निकल पड़े।

इस दौरान उन्होंने पुलिस को चकमा देने के लिए निंबाड़ से मोटर साइकिल की भी सवारी की। कुछ दूर सचिन पायलट तो उसके बाद विधायक जीतू पटवारी ने मोटर साइकिल चलाई। वह चिंताखेड़ा होते हुए नीमच सीमा तक पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार, नीमच सीमा पर पहुंचते ही नयागांव में राहुल को पुलिस ने घेर लिया, और उन्हें हिरासत में ले लिया।

नीमच के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह ने आईएएनएस को बताया, “जिले में निषेधाज्ञा लागू होने के कारण शांति भंग की आशंका में (राहुल) गांधी और 29 नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। बाद में सब डिवीजन मजिस्टेट (एसडीएम) ने सभी को मुचलके पर रिहा कर दिया। गांधी और अन्य नेताओं को राजस्थान सीमा की ओर रवाना कर दिया गया है।”

कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, गांधी पीड़ित परिजनों से मुलाकात की जिद पर अड़े हुए थे, और जब उन्हें व अन्य नेताओं को गिरफ्तार कर जावद स्थित एक रेस्ट हाउस ले जाया गया तो प्रशासन ने पीड़ित परिजनों से फोन पर उनकी बात भी कराई, और उदयपुर लौटते वक्त गोलीकांड में मारे गए किसानों के परिजनों से दिनवा गांव में उनकी मुलाकात कराई गई।

उज्जैन के मंडलायुक्त बी. एम. ओझा ने बताया कि राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सचिन पायलट, मोहन प्रकाश, अरुण यादव, अजय सिंह सहित अनेक नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। गांधी की गिरफ्तारी बाद कांग्रेस ने भोपाल, इंदौर सहित अन्य स्थानों पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।

राहुल ने गिरफ्तारी से पहले कहा कि मोदी सरकार किसानों को सिर्फ गोली दे सकती है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “केंद्र की मोदी सरकार देश के सबसे अमीरों के एक लाख 50 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर सकती है, मगर किसानों का नहीं। किसानों को फसल के सही दाम नहीं मिलते। बोनस नहीं दिया जाता और कर्ज की माफी नहीं होती।”

गांधी ने आरोप लगाया, “जो लोग राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा को नहीं मानते हैं, उन्हें किसानों के लिए शोक जताने भाजपा शासित राज्यों में जाने नहीं दिया जाता है। मध्य प्रदेश की सरकार वही कर रही है, जो उत्तर प्रदेश सरकार ने किया था।”

राहुल ने आगे कहा, “किसान हिंदुस्तान के नागरिक हैं। मैं मंदसौर में किसानों से गले मिलने आया था, मगर मुझे वहां नहीं जाने दिया गया।”

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि कहा है, “राज्य में किसानों और जनता की सरकार है। सरकार किसानों से बातचीत के लिए हमेशा तैयार है, किसानों की हर जायज मांगें पूरी की जाएंगीं।”

राज्य सरकार ने मंदसौर की गोलीबारी की घटना पर भी यूटर्न ले लिया। गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि मंदसौर में पुलिस ने गोलीबारी की थी, जबकि इससे पहले गृहमंत्री से लेकर भाजपा के बड़े नेता तक दावा करते रहे हैं कि किसान आंदोलन में घुस आए असामाजिक तत्वों ने गोलीबारी की थी।

मंदसौर में गुरुवार को कोई बड़ी घटना नहीं घटी। नवपदस्थ जिलाधिकारी ओ.पी. श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, “स्थिति में सुधार हो रहा है और गुरुवार को अपराह्न चार बजे से छह बजे तक दोनों कर्फ्यू ग्रस्त (मंदसौर व पिपलिया मंडी) क्षेत्रों में ढील दी गई।”

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इस बीच, सरकार ने मंदसौर, नीमच व रतलाम के जिलाधिकारियों का तबादला कर दिया है। मंदसौर के पुलिस अधीक्षक को भी स्थानांतरित किया गया है। नीमच के पुलिस अधीक्षक मनोज सिंह को मंदसौर और पुलिस अधीक्षक (रेल) भोपाल टी. के. विद्यार्थी को नीमच का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। मंदसौर पुलिस अधीक्षक ओ. पी. त्रिपाठी को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।

इसी तरह बी. चंद्रशेखर के स्थान पर तन्वी सुन्द्रियाल को रतलाम व रजनीश श्रीवास्तव के स्थान पर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को नीमच का जिलाधिकारी बनाया गया है। तरुण राठी को शिवपुरी का जिलाधिकारी बनाया गया है।

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