सीताराम येचुरी दोबारा चुने गए माकपा महासचिव

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सीताराम येचुरी दोबारा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव चुने गए हैं। रविवार को सीपीएम के 22वें पार्टी कांग्रेस अधिवेशन में सीताराम येचुरी के महासचिव चुने जाने से एक बात तय हो गई है कि पार्टी अब उनके ही नक्शे कदम पर चलेगी। प्रकाश करात उनके प्रमुख प्रतिद्वंदी के तौर पर देखे जा रहे थे। 65 वर्षीय येचुरी ने वर्ष 2015 में विशाखापत्तनम में संपन्न 21 वीं पार्टी कांग्रेस में प्रकाश करात का स्थान लिया था और पार्टी महासचिव बने थे।

उदारवदी सोच वाले नेता सीताराम येचुरी

आंध्र प्रदेश के रहने वाले येचुरी उदारवादी सोच वाले नेता माने जाते हैं और अर्थशास्त्र तथा गठजोड़ की राजनीति के माहिर हैं। सीतराम येचुरी इससे पहले पार्टी के अंदरूनी फोरम पर पार्टी की कुछ नीतियों पर सवाल भी लगातार उठाते रहे हैं।

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येचुरी ने कई बार कहा है कि हमें पार्टी संगठन को मजबूत करना होगा ताकि देश की पार्टी के सामने की चुनौतियों का सामना कर सकें। ऐसा इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पूंजीवाद में संकट गहरा गया है और समाजवाद के संघर्ष को मजबूत किए बिना लोगों के लिए कोई निजात नहीं है।

सीताराम येचुरी का जन्म मद्रास (चेन्नई) में एक तेलुगू भाषी परिवार में 12 अगस्त 1952 को हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में एक इंजीनियर थे। उनकी मां कल्पनाम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। वह हैदराबाद में बड़े हुए और ऑल सैंट्स हाई स्कूल, हैदराबाद में दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की।

येचुरी ने 1970 में प्रेंजीडेंट्स इस्टेट स्कूल, नई दिल्ली से सीबीएसई पाठ्यक्रम से हायर सेकंड्री में अखिल भारतीय प्रथम रैंक हासिल की। इसके बाद सेंट स्‍टीफन कॉलेज, नई दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्‍त्र में प्रथम श्रेणी के साथ स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। येचुरी 1974 में भारत के छात्र संघ (एसएफआई) में शामिल हो गए। एक साल बाद, वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए।

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