Sikkim Election: सीएम तमांग ने रचा इतिहास, 32 में से 31 सीटों पर कब्जा

0

देश में लोकसभा चुनाव के बीच कई राज्यों में हुए विधानभा सभा चुनाव के बीच सिक्किम विधानसभा चुनाव के नतीजे साफ हो चुके हैं. सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा यानी SKM एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. प्रदेश की 32 सीटों में से SKM ने 31 सीटों पर बड़ी जीत हासिल की है, जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट यानी SDF के खाते में एक सीट ही आई है.

लोकसभा की एक सीट के चार जून को आएंगे नतीजे

बता दें कि, प्रदेश में लगातार सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) को दूसरी बार बड़ी जीत मिली है. वहीं इस बार के चुनाव में विपक्ष को एक भी सीट नहीं आई है. सिक्किम की 32 विधानसभा सीटों पर पहले चरण में 19 अप्रैल को वोटिंग हुई है. विधानसभा के साथ-साथ सिक्किम की एक लोकसभा सीट पर भी वोटिंग हुई थी, जिसके नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.

पहली बार में मिली थी 17 सीटें…

बता दें कि SKM पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग 16 सालों तक SDF में रहे उसके बाद उन्होंने इससे इस्तीफ़ा दे दिया और 2013 में प्रेम सिंह तमांग ने सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) का गठन किया और 2019 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा. उनकी पार्टी को राज्य की 32 में से 17 सीटों पर बड़ी जीत मिली. इसके बाद प्रेम सिंह तमांग राज्य के सीएम बने. अब उनकी पार्टी को दूसरी प्रचंड जीत मिली है.

2019 में राज्य के छठें सीएम बने तमांग

प्रेम सिंह तमांग वर्तमान में सिक्किम के मुख्यमंत्री हैं. वह 2019 में राज्य के छठें मुख्यमंत्री चुने गए थे. प्रेम सिंह तमांग पश्चिम सिक्किम से आते हैं और 1990 के दशक की शुरुआत से राजनीति में सक्रिय हैं. 1993 में प्रेम सिंह तमांग सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) में शामिल हुए और 1994 में चाकुंग विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद उन्हें राज्य सरकार में मंत्री भी बनाया गया और 2009 तक वह कैबिनेट मंत्री बने रहे.

कौन है प्रेम सिंह तमांग…

प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 को हुआ उसके बाद उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में टीचर के पद पर काम किया. समाजसेवा के लिए तमांग ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और फिर वह एसडीएफ में शामिल हो गए. अपने राजनीतिक कॅरियर के दौरान 1994 से लगातार पांच बार तमांग चुनकर विधानसभा पहुंचे. इस बीच तमांग 2009 तक एसडीएफ की सरकार में मंत्री भी रहे.

1994 में पहली बार बने विधायक…

बताया जा रहा है कि तमांग पश्चिम सिक्किम से आते हैं. 1990 से तमांग राजनीति में सक्रिय है. 1993 में वह SDF में शामिल हुए और 1994 में पहली बार चाकुंग विधानसभा से चुनाव लड़कर विधायक बने. इसके बाद वह सरकार में मंत्री बने और 2009 में कैबिनेट मंत्री भी बने.

इस बार BJP से नहीं किया गठबंधन…

बता दें कि इस बार सिक्किम में तमांग प्रदेश में अकेले चुनाव लड़े. इससे पहले 2019 के विधानसभा चुनाव में BJP से गठबंधन किया था. लेकिन इस बार बीजेपी के मना करने के बाद उन्होंने किसी से गठबंधन नहीं किया और अकेले चुनाव लड़ा. इसका नतीजा यह रहा कि इस बार उन्होंने 32 सीटों में 31 पर जीत हासिल की, जबकि SDF को केवल एक सीट मिली.

शादी के अरमानों पर फिर गया पानी, फिर कुंवारे रह गए गाजी मियां

2016 में गए थे जेल…

गौरतलब है कि 2016 में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. प्रेम सिंह तमांग राज्य के पहले ऐसे राजनेता थे जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने सिक्किम हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दी जिसने फैसले को बरकरार रखा. इसके कारण उनको समर्पण करना पड़ा. 2018 में जब तमांग जेल से बाहर निकले तो उनके हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया और अपने नेता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए जुलूस निकाला.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More