श्रावण मास : वस्तु-विशेष से बने शिवलिंग की पूजा से संवरती है किस्मत

विभिन्न वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा-आराधना से होंगे मनोरथ पूरे।

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[bs-quote quote=”श्रावण मास : 6 जुलाई, सोमवार से 3 अगस्त, सोमवार तक

वस्तु-विशेष से बने शिवलिंग की पूजा से सँवरती है किस्मत

विभिन्न वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा-आराधना से होंगे मनोरथ पूरे ” style=”style-13″ align=”center” author_name=”विमल जैन” author_job=”ज्योर्तिविद्”][/bs-quote]

भारतीय संस्कृति में भगवान शिवजी की महिमा अपरम्पार है। पृथ्वी के हर कण-कण व हर जीव में शिव विद्यमान हैं। भगवान् शिव की असीम कपा की प्राप्ति के लिए श्रावण मास में देवाधिदेव महादेव की भक्तिभाव से सदैव फलित होती है।

ऐसे मिलेगी भगवान शिवजी की कृपा-

ज्योतिषविद् विमल जैन ने बताया कि श्रद्धालु भक्तों को प्रात:काल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान, ध्यान से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। सायंकाल प्रदोष काल में भगवान् शिव की पंचोपचार, दशोपचार या षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। भगवान शिवजी को प्रिय धतूरा, बेलपत्र, मदार की माला, भांग, ऋतुफल, दूध, दही, चीनी, मिश्री, मिष्ठान्न आदि अर्पित करना चाहिए। भगवान शिवजी की महिमा, यश व गुणगान में शिव मन्त्र, शिव स्तोत्र, शिव चालीसा, शिव सहस्रनाम एवं शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

शिवपुराण में वर्णित मन्त्र ‘ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरु कुरु शिवाय नमः ॐ’ या ‘ॐ नमः शिवाय’ का अधिकतम संख्या में जप करना चाहिए। श्रावण मास में रुद्राभिषेक से समस्त अनिष्टों का शमन होता है तथा मनोकामना की पूर्ति होती है। प्रसिद्ध ज्योतिषी विमल जैन ने बताया कि श्रावण मास में खास वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा-अर्चना भक्त के मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।

विशेष वस्तुओं से बने शिवलिंग की पूजा से मिलने वाला फल-

1. धन-कामना की पूर्ति- दही को निथार कर बना शिवलिंग।

2. दु:ख दारिद्र नाश- पीपल की लकड़ी से बना शिवलिंग।

3. सुख-शांति एवं सन्तान- अक्षत, गेहूँ, जौ के आटे से बना शिवलिंग।

4. शत्रुओं पर विजय- लहसुनिया रत्न से बना शिवलिंग।

5. अकाल मृत्यु, भयमुक्ति हेतु- दूर्वा का शिवलिंग।

6. खुशहाली, सौभाग्यवृद्धि– चाँदी, सोना, मोती का शिवलिंग।

7. मनोकामना पूर्ति- स्फटिक का शिवलिंग।

8. मनचाही कामना सिद्धि- भस्म से बना शिवलिंग।

9. मकान-सम्पत्ति- फूलों से बना शिवलिंग।

10. रोग से मुक्ति- मिश्री या शक्कर का शिवलिंग।

11. भौतिक ऐश्वर्य सुख- चंदन व कस्तुरी का शिवलिंग।

श्रावण मास के व्रत-त्यौहार-

इस बार श्रावण मास में 5 सोमवार पड़ रहा है, जो कि सोमवार से शुरू होकर सोमवार को ही समापन होगा।

प्रथम सोमवार- 6 जुलाई,

द्वितीय सोमवार- 13 जुलाई,

तृतीय सोमवार- 20 जुलाई,

चतुर्थ सोमवार- 27 जुलाई,

पांचवां सोमवार- 3 अगस्त।

शिवजी की प्रसन्नता के लिए किए जानेवाला प्रदोष व्रत 18 जुलाई, शनिवार तथा 1 अगस्त, शनिवार को रखा जाएगा। मास शिवरात्रि भी इस बार 19 जुलाई, रविवार को पड़ रही है।

इस मास में तीन प्रमुख पर्व पडेंगे-

प्रथम पर्व : हरियाली तीज-23 जुलाई, गुरुवार,

द्वितीय पर्व : नाग पंचमी-25 जुलाई, शनिवार

तृतीय पर्व : रक्षा बन्धन-3 अगस्त, सोमवार को।

इसके अतिरिक्त हरियाली अमावस्या एवं सोमवती अमावस्या का अनुपम संयोग 20 जुलाई, सोमवार को है। इन दिनों शिवभक्त भगवान शिवजी का दर्शन-पूजन कर एवं व्रत रखकर मनोवांछित फल की प्राप्ति करेंगे।

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