बेखौफ बदमाशों ने की BJP नेता की गोली मारकर हत्या
उत्तर प्रदेश में बेखौफ बदमाशों ने भाजपा नेता की गोली मार कर हत्या कर दी है। भाजपा पार्षद पवन केसरी को बदमाशों ने उस वक्त गोली मार दी जब वह स्कूटी से अपने घर जा रहे थे। घायल भाजपा नेता को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक पवन केसरी इलाहाबाद से पार्षद था। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक मृतक भाजपा नेता यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी का करीबी बताया जा रहा है।
बदमाश वहां से फरार
जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद के रहने वाले पवन केसरी बीजेपी के पार्षद थे। बीती रात वह अपने स्कूटी से घर जा रहे थे। उसी वक्त कुछ बदमाशों ने पीछा करके उन पर फायरिंग शुरू कर दी। पवन घटनास्थल पर ही नीचे गिर गए। इसके बाद बदमाश वहां से फरार हो गए। लोग आनन-फानन में उनको अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उनकी मौत हो गई।
वारदात को किसी आपसी रंजिश में अंजाम दिया गया है
बताया जा रहा है कि मृतक बीजेपी पार्षद ने गोली मारने की इस वारदात से कुछ देर पहले ही इलाहाबाद के एसएसपी से फोन पर बात करके उनसे मिलने के लिए समय मांगा था। पुलिस का मानना है कि इस वारदात को किसी आपसी रंजिश में अंजाम दिया गया है। इस मामले में शक के आधार पर तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बीजेपी पार्षद पवन केसरी को सूबे के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी का बेहद करीबी माना जाता था।
वारदात पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रही है
वह फूलपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 11 से पार्षद थे। बीजेपी युवा मोर्चा में जिले का महामंत्री रहने के साथ ही आरएसएस से भी जुड़े हुए थे। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है। बदमाशों की तलाश की जा रही है.बताते चलें कि योगी आदित्यनाथ ने सूबे की कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस को एनकाउंटर करने की खुली छूट दी हुई है। इसके बाद भी सत्ताधारी दल के नेताओं के साथ ऐसी वारदात पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रही है।
पिछले एक साल में 1200 एनकाउंटर में 50 ख़तरनाक अपराधी ढेर किए जा चुके हैं। इसके अलावा करीब 2000 से ज्यादा अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं। सत्ता में आते ही योगी ने कहा था कि गुंडे और बदमाश यूपी छोड़कर चले जाएं, नहीं तो जेल जाने के लिए तैयार रहें। हालांकि, यूपी पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के फलस्वरूप कुछ अपराधियों ने खुद थाने पहुंचकर सरेंडर किया था। फिर भी इलाहाबाद की घटना सनसनीखेज है।
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