राजा भैया के समर्थन में शिवपाल !

Raja Bhaiya from Pratapgarh's Kunda has released the first list of his party Jansatta Dal Democratic Board and District Incharge.

यूपी की राजधानी लखनऊ के रमाबाई मैदान में आयोजित रैली में जनसैलाब उमड़ पड़ा। राजनीतिक करियर के 25 साल पूरे होने के मौके पर हो रही इस रैली में किसानों की समस्याएं उठाते हुए उन्‍होंने कहा कि समय से बिजली, पानी और खाद जैसी मामूली समस्याओं पर जनसत्ता पार्टी ध्यान देगी। हमारी पार्टी किसानों की पार्टी है। किसानों के खरीदे गए अनाज का दाम एक सप्ताह के अंदर दिया जाएगा।

हमारी पार्टी देश की सीमा पर शहीद होने वाले जवानों के परिजनों को एक करोड़ रुपए राहत राशि देगी। इतना ही नहीं सरकारें जाति देखकर मुआवजा दे रही हैं, हमारी पार्टी ऐसा नही करेगी। राजा भैया ने कहा कि आज अगर मुआवजा दिया जा रहा है तो वो जाति देखकर किया जा रहा है, हम समानता का अधिकार चाहते हैं, यह हमारा मौलिक अधिकार है।

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कहा कि हम यह नहीं कहते हैं कि दलित या अन्य किसी को मिल रही सुविधाएं एक बराबर हों। समानता की मांग करना कोई अपराध नहीं होता है। 1989 में राजीव गाँधी के द्वारा एससी/एसटी एक्ट बनाया गया। तब से आज तक उसको दिन प्रतिदिन जटिल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के अगर सभी राजनीतिक दल किसी बात पर एकमत हुए हैं तो वह है एससी/एसटी एक्ट। सबने मुकदमा दर्ज होते ही 6 महीने के लिए जेल भेजे जाने के कानून को पास किया।

क्या भारत के सभी नागरिक समान अधिकार नहीं रखते हैं?

कुंडा में4 लाख मतदाता हैं जिनमें से मात्र 12 हजार क्षत्रिय हैं। सभी वर्ग के लोगों से मुझे स्नेह मिलता है। सभी राजनीतिक दल समाज में फूट डालने के उद्देश्य से एससी/एसटी एक्ट को जटिल बनाते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो आरक्षण का लाभ पा चुके हैं उन्हें आरक्षण के दायरे से हटाया जाना चाहिए। साथ ही आम दलित और गरीब लोगों को इसका लाभ दिया जाना चाहिए।

राजा भैया ने कहानी सुनाकर दिया उदाहरण

राजा भैया ने एक चिड़िया की कहानी सुनाकर कहा, जंगल में लगी आग को जब एक चिड़िया चोंच में पानी लाकर बुझाने में लगी, तो उससे सवाल हुआ कि ये क्या? इससे आग बुझेगी क्या? चिड़िया ने जवाब दिया कि मुझे पता है कि मुझ छोटी के प्रयास से यह आग भले न बुझे पर ‘जब इतिहास लिखा जाएगा तो में मेरा नाम, आग लगाने वालों में नहीं आग बुझाने वालों में लिखा जाएगा।’

समाज में असमानता फैलाने वालों को अंदाजा भी नहीं होगा कि इतनी बड़ी रैली का आयोजन होगा। किसी को अंदाजा नहीं था कि एक दिन रमाबाई आम्बेडकर मैदान में सामजिक विद्वेष और असमानता के खिलाफ आप सब खड़े हो जाएंगे और इतनी विशाल, इतनी बड़ी जनसत्ता रैली हो जायेगी।

इतनी बड़ी रैली इतनी विशाल, अपार भीड़, जनता जनार्दन के इतने बड़े जमावाड़े की उम्मीद तो खुद मुझे भी नहीं थी और न ही अन्य राजनैतिक पार्टियों को थी।

रैली के मंच पर आया शिवपाल का सन्देश

मंच पर राजा भैया ने मंच से जिस प्रकार से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के संरक्षक शिवपाल यादव का जिक्र किया। इससे राजनीतिक कयास लगाए जाने लगे है कि आने वाले समय में लोकसभा चुनाव में एक साथ भी आ सकते हैं।

जनसत्ता ही होगा पार्टी का नाम

राजा भैया की पार्टी के नाम पर मोहर लग गई है। पार्टी के लिए तीन नाम दिए गए थे। ये पार्टी मजदूरों किसानों और नौजवानों के लिए समर्पित होगी। तीन नाम दिए दिए थे जिसमें जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी अथवा जनसत्ता लोकतांत्रिक दल में से एक नाम पार्टी का होगा। पार्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया प्रगति पर है।

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