पीएम मोदी के सपने को साकार कर रही है वाराणसी की ये लड़की
दुनिया में आप कहीं भी रहें और कुछ भी कर लें आप का सफल होना थोड़ा कठिन होगा। लेकिन जो इंसान अवसर को पहचान गया उसे सफल होते देर नहीं लगती है। जिसने भी अवसरवादिता को नजदीक से जान लिया वो बुलंदियों के शिखर पर बहुत तेजी के साथ चढ़ता है। हमारे चारों तरफ इतने अवसर होते हैं जिन्हें सिर्फ पहचानने की जरुरत होती है।
वाराणसी की रहने वाली हैं शिखा शाह
कुछ ऐसे ही अवसर की पहचान कर वाराणसी की रहने वाली ग्रेजुएट की छात्रा शिखा शाह ने एक कारनामा कर दिखाया है। शिखा(Shikha) ने पीएम मोदी के स्टार्टअप इंडिया और मेक इन इंडिया से प्रेरित होकर कचरे को रिसाइकिल कर काशी के हर घर कोसंवारने की कोशिश की है।
कचरा रिसाइकिल से बनीं चीजें ऑनलाइन बेचती हैं
आप को जानकर हैरानी होगी कि कचरे से बने इन प्रॉडक्ट को स्नैपडील जैसी इ-कॉमर्स कंपनियों की साइट पर बेंचा जा रहा है। शिखा(Shikha) ने ग्रेजुएशन करने के बाद दिल्ली की एक कंपनी में नौकरी करते हुए उन्होंने गरीबों के बारे में सोचा की कोई ऐसा बिजनेस किया जाए कि जिससे देशहित के साथ ही गरीबों को काम मिले।
स्क्रैपशाला कंपनी की रखी नींव
शिखा ने इसी सोच के साथ ही सबसे पहले उन्होंने घर से निकले कचरे को रिसाइकिल कर एक ऐसा खूबसूरत आकार दिया कि लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि ऐसा भी हो सकता है। कचरे से इतने उपयोगी चीजें बनाई जा सकती हैं। इसी के साथ ही शिखा(Shikha) ने स्क्रैपशाला नामक एक कंपनी की आधारशिला रखी।
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20 हजार में नगर निगम से खरीदा पहला कचरा
इस कंपनी ती शुरूआत शिखा(Shikha) ने नगर निगम से बीस हजार रुपए में कचरा खरीदकर शुरू किया। इस रोजगार में उन्होंने बढ़ाते हुए करीब आधा दर्जन लोगों को रोजगार दिया। धीरे-धीरे शिखा ने वर्कशाप भी शुरू कर दिया और लोगों को कचरे से होने वाले फायदे के बारे में बताने लगीं।
शिखा(Shikha) की कंपनी कचरे से कुर्सी, चारपाई और घरेलू इस्तेमाल की चीजें बनाती हैं और उनको मार्केट में बेंचती हैं जिससे उनको पैसे भी मिल रहे हैं और देश को स्वच्छ बनाने में अहम जिम्मेदारी निभा रही हैं। इस काम से सिर्फ शिखा ही खुश नहीं हैं बल्कि उनके माता-पिता बी बहुत खुश हैं और अपनी बेटी पर गर्व कर रहे हैं।
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