ज्ञानवापी मामले के बीच एक अनूठी रिसर्च, रुद्राक्ष पीसने पर मिली ॐ की आकृति
आमतौर पर रुद्राक्ष का आध्यात्मिक पहलू तो हम सब जानते हैं, लेकिन इसके कई वैज्ञानिक पहलू भी हैं. रुद्राक्ष और विज्ञान का भी अनूठा नाता है. एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर चौदह मुखी रुद्राक्ष के अलग-अलग फायदे हैं. वहीं, वाराणसी के ज्ञानवापी मामले के बीच मेरठ में एक अनूठी रिसर्च की गई है. ये रिसर्च शोभित यूनिवर्सिटी में हुई है, जिसमें कई रोचक तथ्य सामने आए हैं. दरअसल, रुद्राक्ष को पीसने पर उसमें ओम की आकृति मिली है. रुद्राक्ष पर की गई पीएचडी रिसर्च को अवार्ड भी किया गया है.
मेरठ की शोभित यूनिवर्सिटी से रुद्राक्ष पर पीएचडी कर चुकी डॉ. शिवा ने बताया कि उन्होंने रुद्राक्ष इलेक्ट्रोमैगनेटिक बिहेवियर पर कार्य किया है. उन्होंने बताया कि मनुष्य के शरीर पर होने वाले रुद्राक्ष तथा उसके इलेक्ट्रिक और मैग्नेटिक प्रभावों पर शोध कार्य किया गया है. जिसके परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं. रुद्राक्ष से पॉजिटिव एनर्जी का यकीनन संचार होता है. रुद्राक्ष को पीसने के बाद उसके अंदर ओम की आकृति भी मिली है.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई है. रुद्र का अर्थ शिव और अक्ष का अर्थ अश्रु बताया जाता है. यानि शिव के अश्रु से जिस बीज की उत्पत्ति हुई उसका नाम रुद्राक्ष है. रुद्राक्ष का अपना एक आध्यात्मिक महत्व है.