गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ कहना गलत : शंकराचार्य
अपने विवादित बोल के लिए जाने जाने वाले शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने फिर एक बार विवादित बयान देकर एक विवाद को जन्म दे दिया है। उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर आपत्ति जताई है। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि गांधी राष्ट्रपिता नहीं राष्ट्रपुत्र हैं। कुछ समय के लिए कटनी पधारे में द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने मीडिया से चर्चा में कहा कि महात्मा गांधी को लोग राष्ट्रपिता कहते हैं जबकि यह पूरी तरह गलत है।
सांई बाबा पर भी दिया बड़ा बयान
महात्मा गांधी के जन्म के पहले से ही हमारे देश का अस्तित्व था। ऐसे में उन्हें राष्ट्रपिता कैसे कहा जा सकता है? यह जरूर है कि महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए लडाई लड़ी और इस दृष्टि से उन्हें राष्ट्र पुत्र कहा जाना उचित होगा। यह पहली बार नहीं है जब शंकराचार्य ने विवादित बयान दिया हो, इससे पहले भी वो इस तरह के बयान देते रहे हैं। द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शिरडी के साईं बाबा को लेकर चौंकाने वाले बयान दिया था।
also read : भगवा रंग से टॉयलेट बनाकर बीजेपी ने किया हिंदू धर्म का अपमान: अखिलेश
उन्होंने साईं बाबा को अवतार मानने से इनकार कर दिया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि साईं भक्त चाहें तो उनकी पूजा करें, लेकिन इसके बाद उन्हें भगवान राम का नाम लेना, गंगा स्नान करना और ‘हर हर महादेव’ कहना छोड़ देना चाहिए।इतना ही नहीं वनो महाराष्ट्र और अन्य जगहों पर पड़े सूखे के लिए भी साईं बाबा की पूजा को जिम्मेदार बता चुके हैं। उन्होंने कहा था कि जो सूखा पड़ रहा है वो सिर्फ इसलिए है क्योंकि लोग साईं बाबा की पूजा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सूखे से बचना है तो तुरंत साईं की पूजा बंद होनी चाहिए। महाराष्ट्र के आराध्य भगवान गणेश है इसलिए गणेश की पूजा होनी चाहिए।
शनि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर भी उठाया सवाल
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में गणेश का वास है, लेकिन पूजा साईं की हो रही है। जिस भगवान की पूजा होनी चाहिए, उसका निरादर हो रहा है। शंकराचार्य स्वरूपानंद ने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर में महिलाओं को प्रवेश मिलने पर भी सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं वो तब तक नहीं रुकेंगे जब तक महिलाएं शनि की पूजा करना बंद नहीं करेंगी। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से उनके प्रति होने वाले अपराध बढ़ेंगे। महिलाओं के साथ रेप जैसी घटनाएं अधिक होंगी.’ उन्होंने कहा कि शनि भगवान् नहीं एक गृह हैं और गृह की शांति होती है पूजा नहीं की जाती।
AAJTAK
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)