Shocking : स्पर्म से भी फैल सकता है कोरोना!

पूछा जा रहा है कि क्या यह वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिट हो सकता है?

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बीजिंग : संक्रमित पुरुषों के वीर्य Semen से भी कोरोना फैल सकता है। यह जानकारी सामने आते ही वैज्ञानिक जगत में भूचाल आ गया है। अब वैज्ञानिक ऐसे मरीजों को शारीरिक संबंध न बनाने की नसीहतें देते देखे जा रहे हैं।

यह पूछा जा रहा है कि क्या यह वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिट हो सकता है। हालांकि अभी इसकी पुष्ट जानकारी सामने नहीं आयी है पर चिकित्सा जगत इस जानकारी के सामने आने के बाद से हैरान है।

एक बड़ी बहस शुरू

कोरोना वायरस दुनिया के लिए त्रासदी बनता जा रहा है। रोज ही इस वायरस के बारे में कुछ न कुछ नया पता चलता है, जो पहले से ज्यादा चौंकाने वाला और परेशान करने वाला साबित हो रहा है। एक नई स्टडी के मुताबिक चीन में कोविड-19 से संक्रमित 6 मरीजों के वीर्य (Semen) में भी कोरोना वायरस पाया गया है। इस स्टडी के सामने आते ही एक बड़ी बहस इस बात पर शुरू हो गई है कि क्या नया कोरोना वायरस सेक्सुअली भी फैल सकता है?

ठीक होने के बाद भी मिला कोरोना वायरस

इस अध्ययन को JAMA Network Open नामक जर्नल में छापा गया है। Shangqiu Municipal Hospital के अनुसार डॉक्टर्स ने चीन के एक हॉस्पिटल में भर्ती 38 कोविड-19 मरीजों के Semen का लैब टेस्ट किया। इनमें से 6 मरीजों के सीमेन में ये वायरस मौजूद पाया गया। जिन मरीजों के वीर्य में कोरोना वायरस मिला है, उनमें से 4 मरीज सैंपल कलेक्ट करने के दौरान हाई ग्रेड इंफेक्शन का शिकार थे। लेकिन चौंकाने वाली बात ये है कि बाकी के 2 मरीज क्लीनिकली ठीक हो चुके थे, लेकिन इसके बाद भी उनके Semen में कोरोना वायरस पाया गया।

अभी और स्टडी जरूरी

ये सैंपल जनवरी और फरवरी में लिए गए थे। हालांकि शोधकर्ता बाद में इन लोगों से संपर्क नहीं कर पाए, इसलिए अभी इस बात की जानकारी नहीं है कि कोरोना वायरस उनके Semen में कब तक मौजूद रहा था।

सेक्सुअली ट्रांसमिट होने पर बहस

शोध में फिलहाल इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है कि कोरोना वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिट हो सकता है या नहीं। वहीं डॉक्टर्स की टीम का कहना है कि जिन लोगों के सीमेन के सैंपल में उन्हें ये वायरस मिला है, बाद में उनसे संपर्क नहीं हो पाया इसलिए उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं हो पाई है कि कोरोना वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिट हो सकता है या नहीं।

हालांकि इसके पहले यूएस और चाइनीज शोधकर्ताओं द्वारा 34 मरीजों पर किए गए एक शोध में ये कहा गया था कि कोरोना वायरस की पुष्टि होने के 8 दिन से लेकर 3 महीने तक की अवधि में मरीजों के वीर्य में कोरोना वायरस नहीं पाया गया है।

बहुत ज्यादा बीमारों पर अध्ययन

University of Utah के डॉ. जेम्स होटालिंग कहते हैं कि इस बार अध्ययन में जिन लोगों को शामिल किया गया, वो बहुत ज्यादा बीमार थे और इस अध्ययन में ऐसे लोग शामिल किए गए थे, जिनमें इंफेक्शन एक्टिव हालत में था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कोरोना वायरस के बारे में पूरी जानकारी उन्हें अब तक नहीं हो पाई है। अब तक यही माना जाता था कि कोरोना वायरस रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स से फैलने वाली बीमारी है, यानी ये वायरस संक्रमित व्यक्ति के छींकते, खांसते समय मुंह से निकलने वाली बूंदों से ही फैलता है। मगर हाल में हुई कुछ अन्य रिसर्च में सामने आया है कि ये वायरस सिर्फ रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट तक सीमित नहीं है। पिछले दिनों संक्रमित मरीजों के आंतों और मल के सैंपल में भी इस वायरस की पुष्टि हुई है। और आज वीर्य में भी इसके मिलने का प्रमाण मिला है।
हालांकि अभी भी दुनियाभर में एक भी मामला ऐसा रिपोर्ट नहीं किया गया है जिसमें ये वायरस सेक्सुअली या मल और मक्खियों द्वारा फैला हो।

न बनाएं शारीरिक संबध

इस रिसर्च के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि फिलहाल इस बारे में अभी और रिसर्च की जानी है कि ये वायरस सेक्सुअली ट्रांस्मिट है या नहीं। मगर अभी बेहतर यही होगा कि जो लोग संक्रमित हैं या संदिग्ध हैं वो 14 दिन तक किसी भी तरह का शारीरिक संपर्क न रखें।

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