शिवराज के गृह जिले में एक और किसान ने की आत्महत्या
मध्य प्रदेश के लगभग हर हिस्से में कर्ज और सूदखोरों से परेशान होकर किसानों की आत्महत्या का सिलसिला जारी है। किसानों की आत्महत्या से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला सीहोर(Sehore) भी अछूता नहीं है। मंगलवार सुबह कर्ज से परेशान होकर एक और किसान ने जान दे दी।
मुख्यमंत्री के गृह जिले में नौंवे किसान ने आत्महत्या की है। इस तरह राज्य में 23 दिन में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या 39 हो गई है।
सीहोर के अहमदपुर थाना क्षेत्र के पथरिया गांव के किसान सूरज सिंह (40) ने मंगलवार सुबह खेत के पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। गांव और परिजनों के अनुसार, सूरज पर बैंक और सूदखोर का कर्ज था, जिससे वह परेशान था।
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सीहोर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अवधेश प्रताप सिंह ने आईएएनएस को किसान द्वारा आत्महत्या किए जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि प्राथमिक जानकारी के मुताबिक, सूरज का किसी रिश्तेदार से विवाद चल रहा था, जिसके चलते उसने आत्महत्या की, पुलिस मौके पर गई है, उसके बाद ही आत्महत्या की वास्तविक वजह पता चल पाएगी।
सीहोर में बीते 22 दिनों में इससे पहले जो आठ किसान खुदकुशी कर चुके हैं, उनमें बुदनी के किसान शत्रुघ्न मीणा, दोहरा थाना क्षेत्र के जिमोनिया खुर्द में बंशीलाल (54), जजना गांव के दुलीचंद्र, नसरुल्लागंज के लाचौर गांव के मुकेश यादव (23), सिद्दीकीगंज थाना क्षेत्र के बापचा गांव के 75 वर्षीय बुजुर्ग किसान खाजू खां, इच्छावर तहसील के पालखेड़ी गांव के किसान बाबू लाल (40), कोतवाली थाना क्षेत्र के बड़नगर गांव के किसान जगदीश चौधरी (45), बिलकिसगंज थाने के इमलीखेड़ा में किसान मारिया बारेला (50) शामिल है।
वहीं राज्य में हो रही किसानों की आत्महत्या को लेकर पूर्व मंत्री और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की है।
उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों का कर्ज माफ कर चुकी है, मगर मध्य प्रदेश सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है।
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