मणिपुर में सुरक्षाबलों ने तेज किया ऑपरेशन, बड़ी संख्या में हथियार और गोला बारूद बरामद…
मणिपुर में हिंसा लगभग दो महीने से जारी है. हिंसा में अब तक 110 से अधिक लोगों की जान जा चुकी हैं. कई लोग विस्थापित हो गए हैं. देश के गृह मंत्री हिंसा को लेकर मणिपुर का दौरा भी कर चुके हैं. लेकिन हालात में सुधार नहीं हुए. शासन-प्रशासन सुरक्षा के लिए हर कदम उठा रहा है. लेकिन अभी तक इसे रोकने में वो असफल ही रहे है. इस बीच शनिवार को उग्रवादियों के खिलाफ मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने कार्रवाई तेज कर दी है. पिछले 24 घंटे में मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों ने साझा अभियान चला कर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में बनाए गए 12 बंकरों को नष्ट कर दिया है।
12 बंकर तबाह, मोर्टार-IED भी बरामद…
इस पूरे मामले की जानकारी खुद मणिपुर पुलिस ने दी है. पुलिस के मुताबिक, राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों ने तमेंगलोंग, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, कांगपोकपी, चुराचांदपुर और काकचिंग जिलों में सर्च ऑपरेशन चलाया. जिसके दौरान उग्रवादियों द्वारा बनाए गए 12 बंकर मिले थे. जिसको फौरन ही तबाह कर दिया गया है. इसके अलावा पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन के तहत साहुमफाई गांव में एक धान के खेत में तीन 51 मिमी मोर्टार गोले, तीन 84 मिमी मोर्टार और आईईडी बरामद किया था। IED को बम निरोधक टीम की सहायता से नष्ट कर दिया गया है.पुलिस के अनुसार इस समय राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है लेकिन कुछ स्थानों पर स्थिति नियंत्रित की जा चुकी है.
पुलिस ने 135 लोगों को किया गिरफ्तार…
हालांकि राज्य के कई जिलों से छुटपुट घटनाएं सामने आई हैं लेकिन इन घटनाओं से राज्य के अधिकांश जिलों में स्थिति सामान्य बताई जा रही है. कर्फ्यू उल्लंघन, घरों में चोरी, आगजनी से संबंधित मामलों में पुलिस ने 135 लोगों को गिरफ्तार किया है. बताया गया है. कि अब तक राज्य में कुल 1100 हथियार, 13702 गोला-बारूद बरामद किए जा चुके हैं. जहां अलग-अलग तरह के 250 बम बरामद किए जा चुके हैं. विभिन्न हिस्सों में फ्लैग मार्च, घेराबंदी और तलाशी अभियान राज्य में जारी है।
पुलिस ने जनता से की ये अपील…
बता दें, पुलिस ने इस बीच जनता से अपील की है कि वो राज्य में स्थिति सामान्य बनाने के लिए हर संभव मदद करें. किसी भी अफवाह आदि को आगे ना फैलाने की भी अपील की गई है. मणिपुर पुलिस ने इस दौरान लोगों से अपील की है कि अफवाह की स्थिति में वह कंट्रोल रूम 9233522822 पर कॉल करें और सूचना दें. इसके अलावा राज्य में बरामद किए जा रहे हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटकों को भी पुलिस और सुरक्षाबलों के पास वापस जमा करवाने की अपील की जा रही है.
200-1500 की भीड़ ने सुरक्षाबलों को घेरा…
जानकारी के मुताबिक, ऑपरेशन की सूचना मिलते ही महिलाओं और स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में लगभग 1200-1500 की भीड़ ने इलाके को घेर लिया और सुरक्षा बलों को आगे बढ़ने से रोक दिया. आक्रामक भीड़ से सुरक्षा बलों को कानून के अनुसार कार्रवाई जारी रखने देने की बार-बार अपील की गई, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकाला।
मणिपुर में क्यों फैली हिंसा…
मणिपुर हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एमवी मुरलीधरन ने हाल ही में एक आदेश दिया था. इस आदेश में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई को भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था. कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने ‘आदिवासी एकता मार्च’ निकाला था. 3 मई को इसी एकता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. बताया जा रहा. कि इसी दौरान आदिवासियों और गैर-आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई.
करीब 120 लोगों की जा चुकी जान…
अब तक करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हैं मणिपुर में हिंसा इस कदर बढ़ चुकी है कि हाल ही में भीड़ ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का घर तक फूंक डाला था. शांति बहाल करने के लिए कई बार प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. केंद्रीय सशस्त्र बल की 84 कंपनियों को राज्य में तैनात किया गया है, असम राइफल्स के भी 10 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
अमित शाह ने बुलाई थी सर्वदलीय बैठक…
शनिवार को मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में बीजेपी समेत 18 राजनीतिक दल और पूर्वोत्तर के चार सांसद और उत्तर-पूर्व के दो मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. सरकार की ओर से विपक्षी पार्टियों को मौजूदा हालात की जानकारी दी गई. साथ ही बताया गया कि हिंसा पर विराम लगाने के लिए सरकार की ओर से क्या-क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
READ ALSO-पत्नी के साथ अफेयर का शक, गुस्साए पति ने कटा दोस्त का गला, फिर पी गया खून