दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती

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सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि दागी नेताओं और अफसरों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, सांसद, विधायक और नेताओं पर चुनाव लड़ने से आजीवन रोक लगाई जाए जो किसी भी तरह के अपराध में दागी हैं। जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस नवीन सिन्हा की बेंच के सामने मंगलवार को पिटीशनर अश्विनी उपाध्याय की ओर से वकील कृष्णन वेणुगोपाल ने दलीलें रखीं।
2014 में 1581 सांसदों विधायकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था
कोर्ट ने दागी नेताओं पर सख्त रुख दिखाते हुए पूछा कि कितने नेताओं पर आपराधिक मामले पेंडिंग हैं? और कितने नेताओं को दोषी करार दिया जा चुका है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि साल 2014 में 1581 सांसदों विधायकों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था जिसमें से बताया जाए कि कितनों को सजा सुनाई गई है और कितनों को बरी किया गया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कोर्ट बनाने के लिए कितनी लागत आएगी इसका भी ब्यौरा दिया जाए।
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किस पार्टी में कितने दागी ?
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी के 523, कांग्रेस के 248 और आप के 26 सांसद-विधायक दागी हैं।
-20% पर मर्डर, रेप और मर्डर की कोशिश जैसे केस हैं। 190 पर हत्या की कोशिश, 87 पर मर्डर, 64 पर किडनैपिंग और 52 के खिलाफ महिलाओं से जुड़े अपराधों में केस चल रहे हैं।
– एडीआर ने 4,896 सांसदों-विधायकों में से 4,852 के चुनावी हलफनामों के आधार पर रिपोर्ट दी थी। इनमें से 1,581 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
– 543 लोकसभा सांसदों में से 184 (34%), 231 राज्यसभा सांसदों में से 44 (19%), 4078 विधायकों में से 1,353 (33%) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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