200 रियल एस्टेट कंपनियों को कोर्ट से बड़ा झटका, घर खरीदारों को मिली राहत

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सुप्रीम कोर्ट ने आज आईबीसी इनसॉल्वेंसी एंड बैकरप्सी कोड (IBC) संशोधन को लेकर रियल स्टेट कंपनियों की याचिका को खारिज कर 200 कम्पनियों को बड़ा झटका दिया है। वहीं दूसरी ओर कोर्ट के इस फैसले से मकान खरीददारों को बड़ी राहत मिलेगी।

(IBC) संशोधन की याचिका खारिज:

कोर्ट के रियल स्टेट कम्पनियों की IBC संसोधन की याचिका को खारिज करने के साथ ही घर खरीदारों को बड़ी राहत दी है। दिवालिया कानून के संशोधनों को सही बताते हुए कोर्ट ने संशोधन में घर खरीदारों को वित्तीय संस्थाओं के कर्जदार के बराबर दर्जा दिया है। इससे घर खरीदारों को भी लोन देने वाले बैंकों के साथ फाइनेंशियल क्रेडिटर का दर्जा दिया गया है।  वहीं इससे इनसॉल्वेंसी प्रोसीडिंग में होमबायर्स की सहमति की जरूरत होगी।

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कंपनी दिवालिया हुई तो घर खरीदारों को भी माना जाएगा लेनदार

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने होम बायर्स को अधिकार दिया है कि वे क्रेडिटर्स की कमेटी में अपना पक्ष रख सकें और रियल एस्टेट कंपनी के खिलाफ दिवालिया घोषित करने का प्रस्ताव पेश कर सकें।

सुप्रीम कोर्ट ने दिवालिया एवं ऋण शोधन अक्षमता कानून संशोधन कानून को बरकरार रखा। अगर कंपनी दिवालिया घोषित होती है तो घर खरीदार भी लेनदार माने जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईबीसी और RERA के तहत घर खरीदारों को वित्तीय लेनदारों के रूप में अधिकार दिया जाता है।

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