दुनिया में कोरोना : ट्रंप ने Sanitizer पीने की दी सलाह, चीन में तीसरे टीके के ट्रायल को मंजूरी
आयुष मंत्रालय ने गोवा के शिक्षक के कोविड -19 इलाज को मान्य नहीं किया
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर अनेक तरह की खबरें आ रही हैं। कहीं ट्रंप अपने नागरिकों को सैनेटाइजर Sanitizer जैसा रोगाणुनाशक पीने की सलाह दे रहे हैं तो चीन ने Covid-19 के तीसरे टीके के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। इसी तरह बिहार में दिल्ली के बाद प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज करने का काम शुरू हो गया है। दूसरी ओर गोवा के शिक्षक महेश दिगवेकर द्वारा कोविड-19 के लिए एक संभावित आयुर्वेदिक इलाज की मान्यता मंत्रालय ने नहीं दी है।
मंत्री ने आयुर्वेदिक इलाज के प्रेजेंटेशन को मान्य किया था
आयुष के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रीपद नाइक ने पिछले सप्ताह गोवा के शिक्षक महेश दिगवेकर द्वारा कोविड-19 के लिए एक संभावित आयुर्वेदिक इलाज के लिए किए गए प्रेजेंटेशन को मान्य किया था। मंत्रालय ने हालांकि कहा है कि आयुष मंत्रालय इसे मान्य नहीं कर रहा।
आयुष मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “उक्त व्यक्ति ने गोवा में माननीय आयुष मंत्री के साथ इस विषय पर बातचीत की थी। उसने पहले भी मंत्री को एक प्रेजेंटेशन दिया था, जिसे उन्होंने (एक जन प्रतिनिधि के रूप में) एक उपाय के तौर पर स्वीकार किया था।”
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इलाज गलत है
बयान में कहा गया है कि आयुष मंत्रालय ने इस “इलाज” की पुष्टि की है, यह गलत है।
पिछले हफ्ते, उत्तरी गोवा के जिले के 55 वर्षीय शिक्षक दिगवेकर ने दावा किया था कि उन्हें 19 वीं सदी के महान गुरु गजानन महाराज ने आध्यात्मिक तौर पर मार्गदर्शन देकर कोविड-19 का इलाज करने के लिए एक सूत्र बताया था।
बिहार में प्लाज्मा थेरेपी से होगा इलाज
दिल्ली में कोरोना मरीजों के प्लाज्मा थेरेपी के उत्साहजनक परिणाम के बाद बिहार में भी कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज करने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने शनिवार को बताया कि बिहार सरकार की ओर से भी इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से पटना एम्स में कोरोना मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगी गई है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी को लेकर विचार किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि बिहार में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में लगातार वृद्घि हो रही है।
गौरतलब है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों के प्लाज्मा थेरेपी से इलाज के उत्साहनक परिणाम सामने आए हैं। यही कारण माना जा रहा है कि बिहार सरकार भी इस थेरेपी से कोरोना संक्रमितों के इलाज की योजना बनाई है।
चीन ने Covid-19 तीसरे टीके को क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी दी
चीन ने कोरोना वायरस के अपने तीसरे टीके के दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। यहां कोविड-19 के 12 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 82,816 हो गई है। चीन ने कोरोना वायरस के तीन टीकों के क्लिनिकल परीक्षण को मंजूरी दी है जिनमें एक को चीन की सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने विकसित किया है। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायलॉजिकल प्रोडक्ट्स ने चाइना नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप (सिनोफार्म) के तहत विकसित अपने टीके का और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) ने अपने वैक्सीन का क्लिनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है। डब्ल्यूआईवी पिछले दिनों उस समय विवाद में रहा था जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि वहां से कोरोना वायरस पनपा होगा। अमेरिका ने इस मामले में जांच की मांग की थी। डब्ल्यूआईवी ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि ये पूरी तरह मनगढ़ंत हैं।
मजाक का पात्र बने ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने सलाह दी है कि रोगाणुनाशकों (Sanitizer) को शरीर में इंजेक्ट करने से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है। ट्रंप की इस सलाह पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है।
डोनाल्ड ट्रंप ने सलाह दी है कि इस पर अध्ययन किया जाना चाहिए कि क्या कीटाणुनाशकों Sanitizer को शरीर में इंजेक्ट करने से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है। उन्होंने यह भी प्रस्ताव दिया कि क्या मरीजों के शरीर में अल्ट्रावॉयलेट लाइट इरेडिएट करके इस जानलेवा वायरस को खत्म किया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति की इस विचित्र सलाह की सोशल मीडिया में भी खूब खिल्ली उड़ रही है।
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अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आगे आना पड़ा
राष्ट्रपति के बयान के बाद अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञों को आगे आना पड़ा… विशेषज्ञों ने लोगों से कहा कि ऐसे ‘खतरनाक’ सुझाव पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। दरअसल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी निदेशालय के कार्यकारी प्रमुख विलियम ब्रायन अपने विभाग के एक वैज्ञानिक अध्ययन जारी कर रहे थे। स्टडी का नतीजा पेश करते हुए ब्रायन ने कहा कि सूर्य की रोशनी और आर्द्रता के चलते कोरोनो वायरस तेजी से खत्म होने लगता है। यही यहीं आइसो प्रोपिल एल्कोहल Sanitizer भी कोरोना वायरस को 30 सेकेंड में खत्म कर देती है। इस दौरान राष्ट्रपति ट्रंप भी मौजूद थे।
Sanitizer इंजेक्ट किया जा सकता है
विलियम ब्रायन के बयान पर अचरज जाहिर करते हुए ट्रंप ने कहा कि तब तो वायरस के खात्मे के लिए संक्रमित व्यक्ति में रोगाणुनाशकों Sanitizer को इंजेक्ट किया जा सकता है। ट्रंप ने आगे कहा कि केमिकल्स Sanitizer को इंजेक्ट करने से तो वायरस एक मिनट में ही खत्म हो सकता है। इस बारे में जांच काफी रोचक रहेगी। मान लीजिए शरीर पर कोई अल्ट्रावॉयलेट या बहुत शक्तिशाली किरण डालते हैं तो आपने कहा है कि इसकी अभी जांच नहीं हुई है लेकिन मैं कहता हूं कि आप इसका टेस्ट करने जा रहे हैं।
ट्रंप के बयान की तीखी आलोचना
ट्रंप ने ह्वाइट हाउस में पत्रकारों से नियमित बातचीत में इस संभावना पर भी गौर करने को कहा कि क्या खतरनाक कोरोना वायरस के संक्रमण से मुकाबले के लिए अल्ट्रावायलेट लाइट या पराबैंगनी प्रकाश का उपयोग किया जा सकता है। ट्रंप के इस बयान की तीखी आलोचना हो रही है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आम लोगों से इस सलाह को नहीं मानने के लिए कहा है। उनका कहना है रोगाणुनाशक Sanitizer बेहद जहरीला पदार्थ होता है। आइसोप्रोपिल अल्कोहल का इस्तेमाल डिसइंफेक्टेंट्स, सेनेटाइजर Sanitizer जैसे केमिकलों में होता है। ऐसे में लोगों को इन बयानों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
लोग ऐसी सलाह से मर जाएंगे
कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में आपातकालीन चिकित्सा में ग्लोबल हेल्थ के निदेशक क्रेग स्पेंसर ने वाशिंगटन पोस्ट से कहा कि मेरी चिंता यह है कि लोग ऐसी सलाह से मर जाएंगे। लोग सोचेंगे कि यह एक अच्छा विचार है… लेकिन यह उनके लिए खतरनाक होगा।
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