Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की बीच जंग को लेकर बीते दो सालों से दिल दहला देने वाली खबरें हम आए दिन पढ़ते व देखते रहते हैं. इसी बीच से यूक्रेन से एक भयावह रिपोर्ट सामने आयी है. जानकारी मिली है कि कुछ रूसी कंपनियां भारतीयों को हेल्पर के तौर पर काम करने के लिए हायर करती है और बाद में इन हेल्पर से जबर्दस्ती यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़वाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इनमें ज्यादातर लोग पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर के हैं. वहीं अब रूस में फंसे इन भारतीय हेल्परों को वापस भारत बुलाने की मांग की जा रही है.
एक अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट के अनुसार, रूस-यूक्रेन सीमा पर रूसी सैनिकों के साथ लड़ने के लिए कम से कम तीन भारतीय मजबूर हुए हैं. पीड़ितों का कहना है कि, एक एजेंट ने उन्हें धोखे से रूस में सैन्य सुरक्षा सहायक के रूप में भेज दिया. रिपोर्ट में बताया गया है कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं. ये लोग रोस्तोव-ऑन-डॉन, खार्किव, डोनात्सक और मारियुपोल में फंसे हुए हैं. यह भी बताया जा रहा है कि युद्ध के दौरान एक भारतीय की मौत तक हो गयी है.
दो साल बाद सामने आया चौंका देने वाला सच
हालांकि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग को अब दो साल से ज्यादा का समय हो गया है. यह जंग साल 2022 में शुरू हुई थी. उसी समय कुछ भारतीय वॉलेंटियर्स को रूस की सेना में लड़ने के लिए उनकी स्वेच्छा से भर्ती किया था. लेकिन रूसी सेना में भारतीयों की शामिल होने की बात पहली बार सामने आ रही है. ऐसे में रूस में फंसे हैदराबाद के तीन लड़कों को वापस बुलाए जाने की मांग एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने की है. इसको लेकर ओवैसी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को में भारतीय दूतावास को पत्र लिखकर इन लड़कों की सकुशल वापसी के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
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ओवैसी ने विदेश मंत्री को पत्र लिखा
हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर रूस में फंसे तीन भारतीय नागरिकों को वापस लाने में मदद करने की अपील की है. ओवैसी ने अपने पत्र में कहा कि पिछले 25 दिनों से तीनों भारतीय नागरिकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है, जिससे उनके परिवार वाले चिंतित हैं. उनके परिजनों ने अपने बच्चों को सुरक्षित देश में वापस लाने की मांग कर रहे हैं.